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भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की सीरीज का आखिरी और निर्णायक टी-20 मैच बुधवार को यहां के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा। दोनों टीमों के पास सीरीज जीतने का मौका है, लेकिन चुनौती है पिछली गलतियों से सीख कर निर्णायक मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करने की। हैदराबाद में भारत ने कप्तान विराट कोहली की पारी के दम पर विशाल लक्ष्य को बौना साबित कर जीत हासिल की थी, लेकिन तिरुवनंतपुरम में खेले गए दूसरे मैच में विंडीज ने हिसाब बराबर कर लिया था।

इन दोनों मैचों को अगर देखा जाए तो भारत की सबसे बुरी स्थिति फील्डिंग की रही है। दोनों मैचों में भारत ने कैच छोड़े थे। दूसरे मैच के बाद तो कोहली ने साफ कह दिया था कि इस तरह की फील्डिंग से किसी भी लक्ष्य का बचाव नहीं किया जा सकता।

अब चूंकि तीसरा मैच निर्णायक है, ऐसे में कोहली और कोच रवि शास्त्री का ध्यान इस पर जरूर होगा कि टीम की फील्डिंग इस मुकाबले में बेहतर हो। यह बेशक भारत की शीर्ष टीम नहीं कही जाए, लेकिन इसमें कई ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जिनके भरोसे टीम का भविष्य है। इस लिहाज से टीम की फील्िंडग पर संदेह होना लाजमी है।

वहीं गेंदबाजी में भी भारत के लिए चिंता होगी क्योंकि कोई भी गेंदबाज ज्यादा प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाया है। पहले मैच में विंडीज ने 207 रन बोर्ड पर टांग दिए थे और दूसरे मैच में भी उसे 171 रनों का लक्ष्य हासिल करते हुए परेशानी नहीं हुई थी।

आखिरी मैच में कोहली यहां बदलाव कर मोहम्मद शमी को मौका दे सकते हैं। टेस्ट में दमदार प्रदर्शन वाले शमी को इस सीरीज में मौका नहीं मिला है। वह भुवनेश्वर कुमार या दीपक चहर, किस गेंदबाज के स्थान पर आएंगे यह देखना होगा।

स्पिन में कुलदीप यादव को इस सीरीज में मौका नहीं मिला है। उनके स्थान पर वॉशिंगटन सुंदर दोनों मैच खेले हैं। सुंदर बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं, इसलिए कोहली ने कुलदीप पर उनको तरजीह दी है, लेकिन सुंदर ने अभी तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बल्ले का जौहर नहीं दिखाया है। ऐसी भी संभावनाएं हैं कि कोहली सुंदर को बाहर कर कुलदीप को मौका दें। इसका एक कारण यह भी है कि युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव एक जोड़ी के तौर पर अधिकतर मध्य के ओवरों में टीम के लिए अहम विकेट निकालने के अलावा रनों पर अंकुश लगाते दिखे हैं।

बल्लेबाजी में तो सिर्फ कोहली का नाम ही दिख रहा है। पिछले मैच में जरूर हरफनमौला खिलाड़ी शिवम दुबे ने अर्धशतक जमाया था, लेकिन क्या वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता रख पाते हैं इस पर सवाल है।

रोहित का बल्ला दोनों मैचों में खामोश रहा है और यह भी भारत के लिए चिंता ही है। ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर उम्मीद पर खरा नहीं उतरे हैं।

वहीं विंडीज की बात की जाए तो उसकी चिंता गेंदबाजी में जाया गए अतिरिक्त रन होंगे। पहले मैच में हार का कारण कप्तान केरन पोलार्ड ने इन्हीं अतिरिक्त रनों को बताया था। दूसरे मैच में भी टीम ने काफी अतिरिक्त रन दिए थे। अगर विंडीज के गेंदबाजों के अतिरिक्त रनों की संख्या घटा दी जाए तो भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन बड़ा सवाल बन जाएगा।

दो बार की टी-20 विश्व विजेता का ध्यान इस निर्णायक मैच में गेंदों को नियंत्रित करने पर होगा। बाकी उसकी बल्लेबाजी दोनों मैचों में अच्छी रही है।

टीमें :

भारतीय टी-20 टीम : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, संजू सैमसन, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), मनीष पांडे, श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, दीपक चहर, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी।

वेस्टइंडीज : केरन पोलार्ड (कप्तान), फेबियन एलन, शेल्डन कॉटरेल, शिमरन हेटमायेर, जेसन होल्डर, ब्रेंडन किंग, एविन लुइस, कीमो पॉल, निकोलस पूरन, खारी पीएरे, दिनेश रामदीन, शेरफाने रदरफोर्ड, लेंडल सिमंस, हेडन वॉल्श जूनियर, किसरिक विलियम्स।

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