विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रूस को सभी बड़े खेल आयोजनों में हिस्सा लेने से चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है जिसमें अगले साल जापान की राजधानी में होने वाले टोक्यो ओलम्पिक-2020 और कतर में होने वाला फीफा विश्व कप-2022 शामिल हैं। इस फैसले के बाद से रूस का झंडा और राष्ट्रगान किसी भी बड़े खेल आयोजनों में नहीं होगा। हालांकि जो खिलाड़ी यह साबित करने में सफल रहेंगे कि वह डोपिंग में शामिल नहीं हैं वे तटस्थ झंडे तले खेलों में हिस्सा ले सकेंगे।
यह फैसला रूस की डोपिंग रोधी एजेंसी (रुसाडा) की प्रयोगशालाओं द्वारा इसी साल जनवरी में दिए गए डाटा को अयोग्य करार दिए जाने के बाद लिया गया है।
रुसाडा के पास अब इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिनों का समय है और अगर वह अपील करते हैं तो इस अपील को खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में भेजा जाएगा।
वाडा की उपाध्यक्ष लिंडा हेलेलैंड ने कहा कि चार साल का प्रतिबंध काफी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं प्रतिबंध चाहती थी जिसे हल्के में नहीं लिया जाए। साफ सुथरे खिलाड़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्रतिबंध को मजबूती से लागू करें।”
रूस पर 2015 से ही एक राष्ट्र के तौर पर खेलने पर प्रतिबंध है।
इस प्रतिबंध के बाद भी हालांकि रूस यूरो-2020 में हिस्सा ले सकेगी क्योंकि यूरोप की फुटबाल संस्था यूईएफए को खेल के बड़े आयोजकों में नहीं गिना जाता है।