कर्नाटक की क्षेत्रीय पार्टी जनता दल(सेकुलर) ने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में काफी खराब प्रदर्शन किया है। पार्टी ने पांच दिसंबर को हुए उपचुनाव में कुल 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से वह कोई भी सीट नहीं जीत पाई। जद(एस) के महासचिव रमेश बाबू ने आईएएनएस से कहा, “हमारे उम्मीदवार बेंगलुरू पूर्व में यशवंतपुर और मांड्या जिले के कृष्णराजपेट में भाजपा से पीछे चल रहे हैं। साथ ही पार्टी मैसुरू जिले की हुनसुर सीट पर कांग्रेस से पीछे चल रही है।”
गठबंधन के अपने पूर्व साथी कांग्रेस से अलग होकर, जद(एस) ने खुद के दम पर एक दर्जन सीट पर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
बाबू ने कहा, “निर्दलीय उम्मीदवार शरत कुमार बचेगौड़ा को बेंगलुरू ग्रामीण जिले के होसकोटे से अपना उम्मीदवार नहीं बनाकर हमने उन्हें समर्थन किया था। वह कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हुए एम.टी.बी. नागराज से आगे चल रहे हैं।”
नागराज उपचुनाव में लड़ रहे उम्मीदवारों में सबसे धनी उम्मीदवार हैं। उन्होंने बीते माह चुनावी शपथ पत्र में अपनी संपत्ति 1,230 करोड़ रुपये बताई थी।
पार्टी ने राज्य के उत्तरपश्चिमी क्षेत्र के अठानी और येल्लापुर से अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए थे।
मई 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 36 सीटें जीतने वाले जद(एस) कांग्रेस से गठबंधन कर 12 वर्ष बाद सत्ता पर काबिज हुई थी और एच.डी.कुमारस्वामी दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
कांग्रेस के 14 और जद(एस) के तीन बागी विधायकों के जुलाई मध्य में इस्तीफे की वजह से 14 माह पुरानी सरकार 23 जुलाई को गिर गई थी। कुमारस्वामी 225 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर सके थे।
उसी तरह से अपने पूर्व साथी कांग्रेस की तरह ही, जद(एस) अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव में केवल एक सीट-हासन पर जीत दर्ज कर पाई थी। पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और अपने सात उम्मीदवार खड़ किए थे।
बाबू ने कहा, “हम विनम्रता के साथ लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं और उपचुनाव के नतीजे के बाद हम राज्य में पार्टी की स्थिति की समीक्षा करेंगे।”