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    पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने हाल के दिनों में इस्लामाबाद में समाचार पत्र डॉन के कार्यालयों के बाहर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की शनिवार को कड़ी निंदा की। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मजारी ने ट्वीट किया, “शांतिपूर्ण विरोध सभी का अधिकार है, लेकिन दूसरों को धमकियां देना स्वीकार्य नहीं हो सकता। मैं अक्सर डॉन की लाइन से असहमत होती हूं, लेकिन मैं डॉन के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा और धमकियों की कड़ी निंदा करती हूं।”

    लंदन ब्रिज पर हमला करने वाले आतंकी के मूल स्थान से संबंधित एक समाचार रिपोर्ट के प्रकाशन के खिलाफ इस सप्ताह दूसरी बार प्रदर्शनकारियों ने डॉन के इस्लामाबाद ब्यूरो को घेर लिया। पिछले सप्ताह हुए इस हमले में दो व्यक्तियों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। वैन में सवार करीब 100 लोग अखबार के कार्यालय के बाहर जमा हो गए और मीडिया समूह के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लोगों ने अखबार की प्रतियां भी जलाई। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारी लगभग 40 मिनट प्रदर्शन करने के बाद ही वहां से हटे।

    विरोध प्रदर्शन के बाद डॉन के संपादक जफर अब्बास ने भी ट्वीट कर इस प्रदर्शन की निंदा की। उन्होंने कहा कि हर किसी को तब तक विरोध करने का अधिकार है, जब तक वे हिंसक नहीं हैं।”

    एक भीड़ ने सोमवार को भी डॉन के इस्लामाबाद कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोग बैनर लिए हुए थे और अखबार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने लगभग तीन घंटे तक कार्यालय की इमारत के बाहर प्रदर्शन किया। लोगों ने अखबार कार्यालय के परिसर को घेर लिया और कर्मचारियों को बंधक बना लिया।

    एक दिन बाद दर्जनों लोगों ने डॉन के खिलाफ कराची प्रेस क्लब के बाहर भी एक विरोध प्रदर्शन किया और इसके कर्मचारियों को धमकी भी दी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर संगठन के प्रबंधन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे मीडिया समूह के कार्यालयों का घेराव करेंगे। देश के विभिन्न मीडिया समूहों, पत्रकारों, कानूनविदों और अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा इस प्रदर्शन व घेराबंदी की निंदा की गई है।

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