ईरान में मध्य नवंबर से लेकर अब तक विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने की वजह से 7,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने यह बात कही। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार जेनेवा में एक संवाददाता सम्मलेन में कहा कि भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बावजूद देशभर में गिरफ्तारी जारी है।
मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त, मिशेल बाचेलेत ने एक बयान में कहा, “मैं उनके शारीरिक उपचार के बारे में बहुत चिंतित हूं, उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और आशंका है कि जिन पर आरोप लगे हैं उनमें से बड़ी संख्या में लोगों को मौत की सजा हो सकती है।”
प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को जानकारी मिली थी कि “13 महिलाओं और 12 बच्चों सहित कम से कम 208 लोग मारे गए हैं।”
हालांकि, बाचेलेत का कार्यालय इस आंकड़े की पुष्टि नहीं कर सका।
बाचेलेत ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में, इतनी अधिक मौतों के साथ, अधिकारियों को अधिक पारदर्शिता के साथ कार्य करना आवश्यक है।”
ईरान के सुरक्षा बलों, रिवोल्यूशनरी गार्ड और बासिज मिलिशिया ने विरोध प्रदर्शनों का जवाब न केवल पानी की बौछारों और आंसूगैस से दिया, बल्कि कुछ मामलों में गोला-बारूद का भी इस्तेमाल किया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, कई वीडियो साबित करते हैं कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर हिंसा का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें एक शहर में एक न्याय विभाग की इमारत की छत से और दूसरे में हेलीकॉप्टरों से प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया गया।
बाचेलेत ने कहा कि हमें वह फुटेज भी मिला है जो सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों को पीछे से गोली मारते हुए दिखा रहा है, जबकि वे भाग रहे थे।
बाचेलेत ने ईरानी अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के लिए कहा, जिन्हें मनमाने तरीके से हिरासत में लिया गया है।