कमजोर आर्थिक आंकड़ों और विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला और भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले ने बाजार को चैंकाया जिसके बाद बिकवाली के दबाव में प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले 348.66 अंकों यानी 0.85 फीसदी की गिरावट के साथ 40,445.15 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सप्ताह से 134.55 अंकों यानी 1.12 फीसदी की गिरावट के साथ 11,921.50 पर बंद हुआ।
बीएसई मिड-कैप सूचकांक पिछले सप्ताह से 417.49 अंकों यानी 2.77 फीसदी लुढ़ककर 14,667.37 पर बंद हुआ जबकि बीएसई स्मॉल-कैप सूचकांक 221.22 अंकों यानी 1.63 फीसदी की गिरावट के साथ 13,339.35 पर बंद हुआ।
सप्ताह के आरंभ में सोमवार को कमजोर आर्थिक आंकड़ों और ऑटो कंपनियों की बिक्री के आंकड़े खराब रहने के कारण शेयर बाजार में नरमी का रुझान रहा हालांकि सेंसेक्स मामूली 8.36 अंक ऊपर चढ़कर 40,802.17 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 7.85 अंक फिसलकर 12,048.20 पर रूका। अगले दिन भी बाजार में कमजोरी बनी रही क्योंकि अमेरिका के ब्राजील और अर्जेंटीना पर शुल्क लगाने के फैसले बाजार में घबराहट का माहौल रहा जिससे सेंसेक्स मंगलवार को 126.72 अंक फिसलकर 40,675.45 पर बंद हुआ और निफ्टी 54 अंक टूटकर 11,994.20 पर ठहरा।
सप्ताह के तीसरे कारोबारी सत्र में बुधवार को तेजी लौटी और सेंसेक्स 174.84 अंक चढ़कर 40,850.29 पर जबकि निफ्टी 49 अंकों की बढ़त के साथ 12,043.20 पर बंद हुआ।
अगले दिन गुरुवार को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने के फैसले लिए जाने के बाद बाजार में फिर गिरावट आ गई और सेंसेक्स 70.70 अंक फिसलकर 40,779.59 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 24.80 अंक फिसलकर कर 12,018.40 पर रुका। सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को भी मंद कारोबारी रुझान के कारण बिकवाली का दबाव बढ़ने के कारण सेंसेक्स 334.44 अंक यानी 0.82 फीसदी लुढ़ककर 40,445.15 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 96.90 अंकों यानी 0.81 फीसदी लुढ़ककर 11,921.50 पर बंद हुआ।