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    हैदराबाद में पुलिस मुठभेड़ में एक महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के चारों आरोपियों को मार गिरा देने की घटना के बाद बिहार में भी पुलिसिया कार्रवाई की प्रशंसा की जा रही है। इस दौरान करीब सभी राजनीतिक दलों के नेता भी एक स्वर में इस कार्रवाई की प्रशंसा कर रहे हैं, हालांकि कुछ सवाल भी उठा रहे हैं।

    हैदराबाद में पुलिस मुठभेड़ में चारों आरोपियों को मारे जाने की घटना के बाद पटना महिला कॉलेज में छात्राओं ने केक काटकर खुशी मनाई। छात्राओं ने कहा कि “ऐसी कार्रवाई अब ऐसे जघन्य अपराध करने वाले सभी को मिलनी चाहिए। तेलंगाना पुलिस से सभी राज्य के पुलिस को सीख लेनी चाहिए।”

    इधर, राजद की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इस कार्रवाई पर कहा कि ऐसी कार्रवाई देश में हर जगह होनी चाहिए।

    उन्होंने कहा, “नेता से पहले मैं मां हूं। बिहार में प्रतिदिन सैंकड़ों दुष्कर्म की घटनाओं के बारे में सुन व्यथित हो जाती हूं। मैं नेता से पहले मां हूं। बिहार में सरकार पस्त, विधि व्यवस्था ध्वस्त और गुंडे-दुष्कर्मी मस्त हैं। अबतक मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपियों को सजा नहीं मिली है। नीतीश कुमार से कोई काहे नहीं सवाल पूछता? दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने वालों को निश्चित रूप से तय समय सीमा के अंदर कानूनन सजा मिलनी चाहिए।”

    उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में ऐसा घिनौना कार्य करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। बिहार के मुख्यमंत्री ने सदा ऐसे आरोपियों को बचाया है।

    पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हैदराबाद में की गई बड़ी कार्रवाई है। हम इसका स्वागत करते हैं। बिहार में भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले बढ़ रहे हैं और यहां राज्य सरकार शिथिल है और कुछ नहीं कर रही है। बक्सर, समस्तीपुर, गोपालगंज, नालंदा, पटना और न जाने कहां-कहां बिहार की बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म, तेजाब कांड व इन्हें जिंदा जलना पड़ रहा है। अपनी ढोंग यात्रा में इसे भी बताइए। आपकी पुलिस की तो बंदूकें भी नहीं चलती, अपराधियों से निपटने को कैसे कहूं?”

    मामले पर कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने कहा, “मैं पुलिस वालों को सैल्यूट करती हूं कि उन्होंने दुष्कर्मियों को भागने नहीं दिया। अब उस लड़की के मां-बाप और हम सबके कलेजे को ठंडक मिली है।”

    इधर, जद (यू) के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा, “सही या गलत चर्चा कर लेंगे, पर आज मुझे एक आम नागरिक होने के लिहाज से एक अलग-सा सुकून मिला है।”

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