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पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने हैदराबाद में वेटेनरी डॉक्टर के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को कानून के अनुसार न्यायालय से सजा मिलनी चाहिए। राजद ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 20 से अधिक बड़े नेताओं के खिलाफ दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं, क्या कोई पुलिस उनका ‘एनकाउंटर’ करेगी?

राजद के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “हर दुष्कर्मी को सजा मिले। शर्तिया सजा मिले। परंतु यह सजा देश के कानून के अनुसार न्यायालय से मिले। किसी उग्र भीड़, किसी स्वयंभू संगठन की ‘सक्रियतावाद’, स्वघोषित ‘संस्कृतिरक्षकों’ के कंगारू कोर्ट या पुलिस के फर्जी एनकाउंटर से नहीं।”

राजद ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “भाजपा के 20 से अधिक बड़े नेताओं के विरुद्घ दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं। क्या कोई पुलिस उनका एनकाउंटर करेगी? या उन्नाव दुष्कर्म हत्याकांड के अभियुक्तों हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेयी, शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी के फर्जी एनकाउंटर पर इतनी वाहवाही होगी?”

इससे पहले राजद की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दुष्कर्म जैसे अपराध के लिए समय सीमा के अंदर कानूनन सजा दिए जाने की बात करते हुए ट्वीट किया, “दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने वालों को निश्चित रूप से तय समय सीमा के अंदर कानूनन सजा मिलनी चाहिए। बिहार में ऐसा घिनौना कार्य करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। मुजफ्फरपुर में 34 मासूम लड़कियों के ‘जनदुष्कर्म’ आरोपियों को सजा नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने आरोपियों को बचाया है।”

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