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    गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की अवधारणा, उदासीन रवैये के कारण भूस्वामियों ने खेती को छोड़ दिया है। यही एक कारण है कि प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। सावंत ने गोवा पंचायत महिला शक्ति अभियान द्वारा आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान अपने भाषण में कहा, “प्याज की ऊंची कीमतों के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। हम (लोग) इसके प्रति उदासीन रवैया रखने के लिए जिम्मेदार हैं। हमने सब्जियों और चावल को छोड़ दिया है। दूध, सब्जियां, यहां तक कि फूलों को भी पड़ोसी राज्यों से आयात करना पड़ता है।”

    सुसेगाडो एक इंडो-पुर्तगाली शब्द है, यह गोवा में भावनाओं, अवधारणा को दर्शाने वाले शब्द के रूप में जाना जाता है, जो कि संतोष से लेकर शांतचित्त के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।

    सावंत ने कार्यक्रम में कहा, “प्याज की कीमतें 150 रुपये या 170 रुपये या 180 रुपये तक पहुंचने के लिए कौन जिम्मेदार है? बारिश? नहीं। हम जिम्मेदार हैं, क्योंकि हम प्याज नहीं उगाते हैं।”

    उन्होंने कहा, “हम सभी लोग प्याज उगाते थे। अब, हमने ऐसा करना बंद कर दिया है। क्या गोवा में प्याज उग सकता है? यह गोवा में उग सकता है। गोवा में महिलाएं प्याज, मिर्च और सब्जियां उगाती थीं, जिसकी जरूरत किसी घर को पूरे साल होती है।” सावंत ने कहा कि उनकी मां भी प्याज उगाती थीं, लेकिन अन्य लोगों की तरह ही उनके घर भी इसका उगाया जाना बंद हो गया।

    बेमौसम बारिश के कारण देश भर में प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

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