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    भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाने वाली टी-20 और वनडे सीरीज में नो बॉल को लेकर फैसला टीवी अंपायर लेगा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस बात की पुष्टि की।

    भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज ने आईएएनएस को पहले इस बारे में जानकारी दे दी थी।

    जयेश ने आईएएनएस से कहा था, “हां, इस पर बात चल रही है। आईपीएल हमेशा से प्रयोगों के लिए रहा है और हमारी कोशिश है कि इसके हर सीजन में कुछ नई तकनीक आए और इससे खेल को आगे ले जाने में मदद मिले।”

    उन्होंने कहा था, “अतीत में हमने देखा है कि पैर की नो बॉल एक मुद्दा रहा है और मेरा मानना है कि जिस तकनीक से इसकी जांच की जा सकती है उसका उपयोग करना चाहिए। इसे लेकर बड़े स्तर पर जांच की जानी है और हम वेस्टइंडीज सीरीज में भी इसे लागू करेंगे।”

    आईसीसी के मुताबिक, ट्रायल के दौरान तीसरे अंपायर की नजरें पैर की नो बॉल पर रहेंगी। अगर तीसरे अंपायर को लगता है कि यह नो बॉल थी तो वह मैदानी अंपायर को इसकी जानकारी देगा और मैदानी अंपायर अंतत: यह औपचारिक फैसला सुनाएगा।

    यहां यह बात समझना जरूरी है कि संदेह की स्थिति में फायदा गेंदबाज को होगा और अगर देर से नो बॉल का फैसला सुनाया जाता है तो मैदानी अंपायर पर विकेट को रद्द कर देगा (अगर होता है तो) और गेंद को नो बॉल करार देगा।

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