सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने एक सुनवाई के दौरान अपने आचरण को लेकर खुली अदालत में गुरुवार को माफी मांगने की इच्छा जाहिर की। न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ वकील को अवमानना की धमकी दी थी। न्यायाधीश की यह प्रतिक्रिया वकील एसोसिएशन द्वारा बयान जारी कर उनसे वकीलों के साथ धैर्य रखने के आग्रह करने के एक दिन दिन बाद आई है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा, “अगर किसी को कुछ भी बुरा लगा हो, तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगने के लिए तैयार हूं।”
कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, अभिषेक सिंघवी की अगुवाई में वरिष्ठ वकीलों व सुप्रीम कोर्ट बॉर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना ने इस मुद्दे को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व एम.आर. शाह की पीठ के समक्ष कोर्ट नंबर 3 में उठाया। यह पीठ दिन की कार्यवाही के लिए कोर्ट नंबर तीन में थी।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने अदालती कार्यवाही के संबंध में टेलीविजन कार्यक्रमों और समाचार लेखों में न्यायपालिका पर निशाना साधे जाने पर अपनी चिंता जताई और जोर देकर कहा कि वह किसी वकील से सौ बार माफी मांग सकते है, जिसे उनके आचरण से दुख पहुंचा है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने जोर देकर कहा कि वह माफी मांगने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने वकील की प्रतिक्रिया को भी महसूस किया, जिससे तीखी बहस हुई, जो उचित नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ वकील को अवमानना की प्रक्रिया व दोषसिद्धि को लेकर कथित धमकी पर बुधवार को गहरी चिंता जताई।
मंगलवार को न्यायमूर्ति मिश्रा व शंकरनारायणन के बीच कथित तौर पर तीखी बहस हुई। ऐसा न्यायाधीश द्वारा शंकर नारायणन को तर्क का दोहराव नहीं करने की बात कहने के बाद हुआ। न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील को अवमानना प्रक्रिया की धमकी दी।
न्यायमूर्ति मिश्रा भूमि अधिग्रहण मामले की सुनवाई कर रही पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे हैं।