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    खेल सामग्री बनाने वाली दुनिया की अग्रणी कम्पनियों में से एक एडिडास की भारतीय इकाई-एडिडास इंडिया ने पर्यावरण संरक्षण और सर्कुलर इकनॉमी पर जोर देते हुए स्थायित्व (सस्टेनेबलीटी) को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनसोल के साथ करार किया है। एडिडास ने सस्टेनेबलीटी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अग्रणी एनजीओ- ग्रीनसोल से हाथ मिलाया है। इसके तहत पुराने और बेकार पड़े फुटवियर से आरामदेह और लाइट वेट स्लिपर बनाने का अभूतपूर्व कार्य किया जाएगा।

    ‘हम खेल के दम पर जिन्दगियां बदल सकते हैं’-अपने इस बुनियादी मूल्य के साथ एडिडास हमेशा जिन्दगियां बदलने में सबसे आगे रहा है। नई साझेदारी में भी कम्पनी का यह विश्वास जीवंत होगा और पुराने तथा बेकार हो गए जूतों को अपसाइकल करने की अनोखी पहल सफल होगी।

    एडिडास इंडिया के प्रबंध निदेशक नीलेंद्र सिंह ने कहा, “ग्लोबल ब्राण्ड होने के नाते हम लोगों को प्रोत्साहन और सक्षमता देते हैं कि वे उनकी जिन्दगी में खेल की ताकत का लाभ उठायें। सस्टेनेबलीटी को बिजनेस मॉडल का अभिन्न हिस्सा बनाने वाली गिनती की कम्पनियों में हमारा नाम है क्योंकि हम प्रोडक्ट के स्तर तक सस्टेनेबलीटी ले जाते हैं। ग्रीनसोल को साझेदार बना कर एडिडास इंडिया में हम पुराने तथा बेकार जूतांे से न्यूनतम खर्च पर स्लिपर तैयार करंेगे और गांवों के गरीब तबकों के बच्चों को देंगे जो आज भी नंगे पांव स्कूल जाते हैं।”

    एडिडास दिसंबर 2016 से ही ग्रीनसोल से जुड़ा है और अपसाइकल फुटवियर डोनेट करने के कई अभियान किए हैं।

    ग्रीनसोल के को-फाउंडर श्रियांश भंडारी ने कहा, “ग्रीनसोल डिजाइन और शोध एवं विकास पर निवेश कर यह सुनिश्चित करेगा कि जूते का प्रत्येक हिस्सा, केवल सोल या इनसॉक नहीं, अपसाइकल/रीसाइकिल किया जाए। एडिडास जैसे ब्राण्ड से साझेदारी इस तथ्य पर जोर देती है कि सस्टेनेबलीटी के लिए अभी बहुत काम करने हैं और ग्लोबल ब्राण्ड व्यापक स्तर पर इसमें मदद कर पाएंगे। इससे जन-जन में धरती माता के प्रति आभार व्यक्त करने की भावना आएगी।”

    इस साझेदारी का मुख्य लक्ष्य गरीब तबकों के कक्षा 1 से 10 के बच्चों तक पहुंचना है। महाराष्ट्र के जवाहर से लेकर ओडिशा के दरिंगबादी गांव तक और तेलंगाना के निजामाबाद से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक ऐसे बच्चों को इस साझेदारी का लाभ मिलेगा, जिनके लिए बेसिक फुटवियर भी लक्जरी है।

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