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    भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ी राहत देते हुए विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने गुरुवार को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। नीरव 2017 में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के प्रमुख आरोपियों में शामिल है।

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष अधिवक्ता हितेन वेनेगांवकर ने आईएएनएस से कहा, “इसके साथ ही विजय माल्या के बाद भगोड़ा आर्थिक अपराध अधिनियम (एफईओए) के अंतर्गत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने वाला वह दूसरा अभियुक्त बन गया है।”

    इस महत्वपूर्ण आदेश से एक दिन पहले उसके मामा और पीएनबी घोटाले के सह आरोपी मेहुल चोकसी को भी बंबई हाईकोर्ट ने झटका देते हुए विशेष पीएमएलए कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। पीएमएलए कोर्ट में ईडी उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रही है।

    शराब व्यापारी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्या को इसी साल जनवरी में मुंबई स्थित विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था।

    नीरव मोदी को यह झटका लगने से एक दिन पहले विशेष पीएमएलए न्यायाधीश वी.सी. बार्डे ने कहा कि “सीआरपीसी की धारा 82 के अंतर्गत परिकल्पित घोषणा जारी की जाएगी, क्योंकि वारंट की कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए आरोपी फरार हो गए।”

    नीरव मोदी के अलावा उसका भाई निशाल मोदी और एक साथी सुभाष परब को भी 15 जनवरी तक विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। सीबीआई ने तीनों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए अगस्त में एक याचिका दायर की थी।

    अगर शेष दो भी विशेष अदालत के समनों का पालन नहीं कर पाते हैं तो उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाएगा और सीबीआई एफईओए के अंतर्गत उनकी सभी संपत्तियों की जब्ती की कार्यवाही शुरू कर सकती है।

    इसी साल मार्च में लंदन में गिरफ्तार हुआ नीरव फिलहाल लंदन स्थित जेल में न्यायिक हिरासत में है। लेकिन अन्य दो आरोपी फिलहाल फरार चल रहे हैं। हालांकि तीनों आरोपियों (नीरव, निशाल और परब) के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं।

    भारत फिलहाल नीरव को इंग्लैंड से और उसके मामा मेहुल को एंटीगुआ और बारबुडा से प्रत्यर्पित करने का प्रयास कर रहा है। मेहुल अब एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक है।

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