दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) देशद्रोह मामले में मंजूरी में देरी से संबंधित एक याचिका का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने कहा, “इस संबंध में हमें नए दिशा-निर्देश बनाने का कोई कारण नजर नहीं आता, क्योंकि पर्याप्त कानून उपलब्ध हैं।”
कोर्ट ने सरकार से भी कहा कि वह कानून के अनुसार मंजूरी के मुद्दे पर निर्णय ले।
याचिका में ऐसे सभी आपराधिक और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों के संबंध में तत्काल अभियोजन के लिए दिशा-निर्देश लागू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था, जिसमें आरोप गंभीर श्रेणी के हैं और समुदाय पर उसके व्यापक प्रभाव हों।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर कर रहे थे।