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    उपभोक्ताओं को ऋण मुहैया कराने वाली अंतर्राष्ट्रीय कंपनी, होम क्रेडिट ने 10,000 रुपये तक के उपभोक्ता टिकाऊ ऋण की श्रेणी में 34 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ अपनी वृद्धि बरकरार रखे हुए है। यह जानकारी सीआरआईएफ की 2019 की तीसरी तिमाही की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है। होम क्रेडिट का कारोबार यूरोप और एशिया में फैला हुआ है और यह कंपनी भारत में वित्तीय समावेशन के लिए प्रतिबंध है।

    होम क्रेडिट सरल, पारदर्शी और सभी के लिए सुलभ वित्तीय समाधानों की पेशकश कर ऋण मुहैया कराने और वित्तीय समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है।

    समग्र क्षेत्र की बात करें तो उपभोक्ता टिकाऊ ऋणों में गिरावट देखी गई है, जबकि होम क्रेडिट सफलतापूर्वक ग्राहकों के बीच विश्वास बनाए रखने और ऋण प्रदान करने में आसानी के कारण कामयाब रहा है।

    सितंबर 2019 को समाप्त तिमाही के दौरान होम क्रेडिट इंडिया ने सभी मूल्य श्रेणियों में लगभग 13 फीसदी बाजार हिस्सेदारी और 15,000 रुपये तक के उपभोक्ता टिकाऊ ऋण की श्रेणी में 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी का औसत बनाए रखा।

    होम क्रेडिट इंडिया के चीफ मार्केटिंग एंड कस्टमर एक्सपीरियंस ऑफिसर मार्को केयरविक के अनुसार, “हम इस तिमाही में होम क्रेडिट के प्रदर्शन से खुश हैं। सेक्टर में सुस्ती के बावजूद, हम 10 हजार कैटेगरी वाली उपभोक्ता टिकाऊ ऋण में एक मजबूत कंपनी बने हुए हैं।”

    उन्होंने कहा, “हम पहली बार उधार लेने वाले ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने वाले उपभोक्ता ऋण समाधानों को पेश करते हैं। हम एक ग्राहक अनुकूल ²ष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने उत्पादों को हमारे ग्राहकों की जरूरतों के अनुकूल बनाने के लिए वित्तीय समाधान प्रदान करते हैं, जो सरल, पारदर्शी और सुलभ हैं।”

    केयरविक ने कहा, “सीआरआईएफ की उत्साहजनक रिपोर्ट से पता चलता है कि हम अपनी पसंद के ऋणदाता बनने के प्रयासों में सही रास्ते पर हैं।”

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