असदुद्दीन ओवैसी

अपने विवादित बयानों से अक्सर मीडिया के ब्रेकिंग न्यूज़ बन जाने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा है कि “हम कुछ नहीं भूले है ना बाबरी मस्जिद को गिराया जाना ना कल का दिन। कल जिस तरह का दृश्य सदन में था वो बिलकुल 6 दिसंबर जैसा था।”

ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि “मेरे और तमाम मुस्लिम संगठनों के बार बार मना करने के बावजूद भी इस बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया, मैं पूछता हूँ तीन तलाक मै किसी को तीन साल के लिए जेल भेजने की क्या आवश्यकता है, जबकि हमारे पास पहले से ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई प्रभावी कानून है।”

हालांकि ओवैसी यह मानते है कि तीन तलाक देना गलत है लेकिन उनका कहना है कि इससे समाज को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने सरकार से प्रश्न कि किया कि” सरकार महिलाओं की बात तो करती है लेकिन यह क्यों नहीं बता रही है कि पति के तीन तालक कहने पर उसके जेल जाने के बाद महिला को गुजरा भत्ता या मुवाजा कौन देगा?”

ओवैसी ने कहा इस समय दोनों पार्टी हिन्दू कार्ड खेल रही है। बीजेपी ने उनके तमाम सुझावों को मानाने से इंकार कर दिया जबकि कांग्रेस विरोध करने के बजाए आज यह साबित करने में लगी है कि वो सत्ता पार्टी से अधिक हिन्दू है।

तीन तलाक पर ओवैसी ने किया था लोकसभा में विरोध

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बाद ओवैसी ने भी तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार को घेरा था। इस मामले में उन्होंने एक नोटिस भी लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था।

अपने ट्वीट से ओवैसी ने लोगों को बताया था कि “यह बिल किसी भी तरह से सही नहीं है क्यूंकि इससे महिलाओं का हक़ मारा जा रहा है साथ ही बिल को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है” ओवैसी ने यह भी कहा कि “महिलाओं के नाम पर इस तरह के बिल की कोई जरूरत नहीं है क्यूंकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में पहले से ही प्रयाप्त कानून है।”