लोकसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चला और काफी हंगामा देखने को मिला। मुख्य रूप से कांग्रेस ने प्याज की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर की गई टिप्पणी पर भी काफी शोरगुल हुआ। सदन में शून्यकाल के दौरान हंगामा शुरू हुआ, जब कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाया। वहीं सत्ता पक्ष ने मोदी, शाह और सीतारमण के खिलाफ चौधरी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर मोर्चा संभाला।
चौधरी ने केंद्र की नीति पर हमला करते हुए प्याज, अन्य सब्जियों और दालों जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर हमला किया।
चौधरी ने कहा, “पूरे देश में बाजारों में आग लगी हुई है, क्योंकि सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, विशेष रूप से प्याज की कीमतें। केंद्र सरकार प्याज को 67 रुपये प्रति किलो की कीमत पर आयात करती है, जो 130-140 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बाजार में बेचा जा रहा है।”
प्रधानमंत्री के इस कथन का हवाला देते हुए कि ‘न मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा’, कांग्रेस सांसद ने कहा, “आप देखिए कि अभी देश के साथ क्या हो रहा है।”
उन्होंने सरकार पर दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के मूल्य वृद्धि पर अंकुश के लिए मजबूत कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
इस बीच, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल यह कहते हुए अपनी सीट पर खड़े हो गए कि अधीर रंजन साहब को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वह प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए वह माफी मांग सकें।
मेघवाल ने कहा, “आपको पहले सदन से माफी मांगनी चाहिए।”
मंत्री ने चौधरी की प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणी का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर उन्हें घुसपैठिया कहा था।
सत्ता पक्ष ने चौधरी को बिना शर्त माफी मांगने का मुद्दा तो उठाया मगर कांग्रेस नेता ने माफी नहीं मांगी।
हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना पर सदन में सोमवार की बहस का हवाला देते हुए भाजपा नेता पूनम महाजन ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ की गई ‘निर्बला’ टिप्पणी पर भी चौधरी की आलोचना की।
चौधरी ने कराधान (संशोधन) विधेयक 2019 पर बोलते हुए वित्तमंत्री के खिलाफ ‘निर्बला’ टिप्पणी की थी।
बाद में कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया और आरोप लगाया कि सरकार वास्तविक सामाजिक मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है और केवल गैर-प्रासंगिक मामलों को उठाकर संसद का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।