मैनपुरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) में एक छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले की जांच में देरी के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय शंकर राय का ट्रांसफर करने के अगले दिन जिलाधिकारी (डीएम) प्रमोद कुमार उपाध्याय का भी ट्रांसफर कर दिया है। महेंद्र बहादुर सिंह को मैनपुरी का नया डीएम बनाया गया है।
इसबीच राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
एसआईटी की अगुआई कर रहे कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ने घटनास्थल पर जाने से पहले स्कूल स्टाफ से बात की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे सभी जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं और बाद में उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए अतिरिक्त जानकारी देने से इंकार कर दिया।
मैनपुरी जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने तीन छात्रों और एक स्टाफ सदस्य के डीएनए के नमूने इकट्ठे किए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, पॉलीग्राफी परीक्षण के लिए चार पुरुषों समेत पांच लोगों को लखनऊ लाया गया है।
संपर्क करने पर छात्रा के पिता सुभाष चंद्र पांडे ने कहा कि अब उन्हें मामले में न्याय मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “हमने तत्कालीन डीएम और एसपी से दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का आग्रह किया था, क्योंकि शव पर चोट के निशान स्पष्ट दिख रहे थे लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसका उल्लेख नहीं था।”
गौरतलब है कि 16 सितंबर को मैनपुरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रावास में 11वीं की एक छात्रा सभा कक्ष में मृत मिली थी। छात्रा का एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उसने लिखा था कि तीन साल पहले स्नैक्स का एक पैकेट चुराने पर साथी छात्रों द्वारा उसे कभी माफ नहीं किया गया और लगातार उसका किया गया, जिसके कारण वह आत्महत्या कर रही है।
लड़की के परिजनों ने इसके लिए स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया था। मृतका की मां ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित करने के बावजूद स्कूल प्रशासन ने उन्हें इसकी सूचना नहीं दी।
पुलिस के अनुसार, मृतका के पिता की शिकायत पर स्कूल के प्रधानाचार्य और वार्डन तथा एक युवक पर दुष्कर्म का प्रयास करने और हत्या करने के आरोप में मैनपुरी के भोगांव पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं तथा पोक्सो अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की संभावनाओं को खारिज कर दिया और उसमें मौत का कारण ‘फांसी के कारण दम घुटना’ बताया।
राज्य सरकार ने 27 सितंबर को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करते हुए निजी एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को पत्र लिखा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राम गोपाल यादव ने भी रविवार को यह मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष रखा था।