राजस्थान की सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद पिछले तीन दिनों में अजमेर की आनासागर झील में कई मछलियां और कौवे मृत पाए गए। वन विभाग ने अजमेर की घोघरा नर्सरी में लगभग 30 कौवे दफन किए। विभागीय अधिकारी अब इनकी मौत के कारणों का पता लगाने के लिए भोपाल से आने वाली विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि आनासागर झील में और उसके आसपास पाए जाने वाले कौवे कमजोर और निष्क्रिय दिखाई देते हैं, इसलिए यह आशंका है कि मरने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ सकती है।
शुरू में शुक्रवार को 19 कौवे मृत मिले और फिर रविवार को 11 अन्य भी मृत पाए गए। इसके अलावा शनिवार को झील में 100 से अधिक मछलियां मृत पाई गई थीं।
अधिकारियों ने कहा कि झील में प्रदूषण और ऑक्सीजन की कमी मछलियों की मौत का कारण थी। अगर ऐसा ही है तो इस आधार पर मृत जीवों की संख्या अधिक हो सकती है।
सर्दियों के दौरान आनासागर झील हजारों प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है। आशंका जताई जा रही है कि इन पक्षियों की हालत भी संभवत: सांभर झील जैसी ही हो सकती है।
पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “शनिवार को मृत पाए जाने वाले कौवों की रिपोर्ट मिली थी। हमारी टीम वहां पहुंच गई। वन अधिकारी, पुलिस और अन्य दल पहले ही साइट पर पहुंच गए थे।”
स्थानीय लोगों ने वन विभाग और पशुपालन विभाग पर शुरू में पक्षियों की मौत के बारे में रिपोर्ट छिपाने का आरोप लगाया है।
मृत कौवों का पोस्टमार्टम पशुचिकित्सा अस्पताल में किया गया और शवों को फिर वन विभाग को सौंप दिया गया, जिन्होंने आगे की जांच के लिए विसरा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भोपाल भेज दी।
अधिकारियों को अंदेशा है कि किसी जहरीले भोजन के कारण कौवे मरे। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि झील के आसपास इस तरह का भोजन कौन फैला सकता है, यह पता लगाने की जरूरत है।