कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एनआरसी पर चर्चा के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘घुसपैठिए’ कहा है। उनके इस बयान पर सोमवार को लोकसभा में हंगामा हुआ। अब सत्तापक्ष चाहता है कि सांसद अपने बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगें। कांग्रेस नेता ने सोमवार को एक बार फिर लोकसभा में अपनी टिप्पणी दोहराई, जब सत्तापक्ष के एक सांसद ने प्रश्नकाल के दौरान रविवार को दिए गए बयान वाले मुद्दे को उठाया।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “कौन घुसपैठिए हैं, इसका पता जल्द ही चल जाएगा।”
शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा फिर से उठाया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने चौधरी से माफी मांगने को कहा।
जोशी ने कहा, “इससे पता चलता है कि वे अभी भी जनादेश का एहसास करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका बयान देश के जनादेश का अपमान है, देश ने शानदार जनादेश के साथ मोदी जी को चुना है।”
उन्होंने कहा, “मैं उनके बयान की कड़ी निंदा करता हूं। वह (चौधरी) पश्चिम बंगाल से आते हैं। वह कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। क्या हम उन्हें घुसपैठिया कह सकते हैं? वह किस बारे में बात कर रहे हैं? उन्हें जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए।”
इस बीच चौधरी ने अपनी सीट पर खड़े होकर जोशी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि मैंने यह बयान किस संदर्भ में दिया है।
चौधरी ने कहा, “आपने (प्रहलाद जोशी) बिना कुछ सोचे-समझे आरोप लगाना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री केवल आपके प्रधानमंत्री नहीं हैं, वह हमारे प्रधानमंत्री भी हैं।”
जोशी ने हालांकि इस मुद्दे पर बोलना जारी रखा। उन्होंने कहा, “आपको गृह मंत्री के खिलाफ दिए गए बयान को वापस लेना चाहिए, जिन्होंने मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त करके एक इतिहास बनाया।”
जोशी ने मांग करते हुए कहा, “उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।”