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    एक ओर जहां पूरे देश में लोग हैदराबाद की डॉक्टर के साथ हुई बर्बरतापूर्ण अपराध को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं गायिका सोना महापात्रा और फिल्मकार अलंकृता श्रीवास्तव इस समस्या की मूल जड़, समाज की पितृसत्तात्मक सोच पर निशाना साध रही हैं।

    इस बारे में अलंकृता का मानना है कि, “हमारे देश में स्त्री द्वेष को स्वीकार कर लिया गया है, महिलाओं के प्रति हिंसा अब सामान्य हो चुकी है और इसके साथ ही पितृसत्तात्मकत सोच महिलाओं के खिलाफ अपराधों को प्रोत्साहित करती है।”

    ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ की फिल्मकार ने कहा, “हम ऐसे देश में रह रहे हैं जहां स्त्री द्वेष को स्वीकार कर लिया जाता है, बल्कि उसे पोषित भी किया जाता है। वहीं महिलाओं के प्रति अपराध अब सामान्य हो गया है। चाहे वह हमारे घर के अंदर हो या बाहर हो। इसके लिए हम सब जिम्मेदार है, हमारी शालीनता और हमारी चुप्पी हमें परेशानियों में डालती है।”

    वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “यह भारत के हर नागरिक के लिए आत्मचिंतन का समय है। क्या आप महिलाओं के खिलाफ अपराधों को प्रोत्साहित करने वाली पितृसत्ता को खत्म करने में मदद कर रहे हैं? और अगर आप इसे खत्म करने में सक्रिय नहीं हैं, तो जान लें कि आप वास्तव में इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं। यहां कोई बीच का क्षेत्र नहीं है।”

    वहीं इस बारे में सोना ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्टर साझा किया, जिसमें लिखा था, ‘बलात्कार मत करो’। वहीं इसके कैप्शन में गायिका ने लिखा, “यह वही हैं, जो महिलाओं को हर रोज कहते हैं कि कैसे व्यवहार करना है, क्या पहनना है, घर किस वक्त आना है, हमें हर कोई इसे अलग अलग तरीके से बताता है, लेकिन क्या यह आपके हाथ में है? कि आप कहो दुष्कर्म का शिकार मत होना?”

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