Mon. Nov 25th, 2024

    उत्तर प्रदेश में 4,122 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) घोटाले में धनशोधन के संदेह के चलते अब मामले की अलग से जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा। ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से दस्तावेज मांगे हैं और जल्द ही एजेंसी करोड़ों रुपये के ईपीएफ घोटाले की जांच शुरू करेगी, जिसमें मुंबई की विवादास्पद कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) संलिप्त है।

    कई नेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों का डीएचएफएल प्रबंधन के साथ घनिष्ठ संबंध होने के चलते उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे आरोप हैं कि मानदंडों का उल्लंघन कर राज्य के कर्मचारियों का पैसा एक निजी कंपनी में लगाया गया।

    उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि ईपीएफ घोटाले से जुड़ी सभी प्राथमिकी ईडी को प्रदान की गई है और जांच से संबंधित सभी दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को जल्द ही सौंप दिए जाएंगे।

    उत्तर प्रदेश काडर के एक आईपीएस अधिकारी ने कहा, “जांच के दौरान 28 ब्रोकेरेज फर्मो का डीएचईएल के साथ संबंध सामने आया है। जब्त किए गए दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि इन ब्रोकरेज फर्मों के माध्यम से कर्मचारियों के पीएफ फंड (यूपी पॉवर सेक्टर इम्प्लॉई ट्रस्ट द्वारा डीएचएफएल में निवेश किए गए) की लॉन्ड्रिंग की गई।”

    उन्होंने कहा, “इन 28 फर्म्स में से 14 फर्म्स संदिग्ध प्रतीत हुई हैं, क्योंकि इनके पतों को सत्यापित नहीं किया जा सका है।”

    हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिवालिया घोषित किए गए डीएचएफएल के विदेशों में मौजूद कारोबार की अब ईडी जांच करेगी।

    सूत्रों ने कहा कि पूर्व प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार के अलावा मौजूदा केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में हैं।

    वरिष्ठ आईएएस आलोक कुमार को हाल ही में प्रमुख सचिव ऊर्जा के पद से हटा दिया गया, जबकि संजय अग्रवाल से कथित तौर पर दिल्ली में ईओडब्ल्यू ने पूछताछ की है। दोनों अधिकारी उप्र विद्युत निगम के प्रमुख के तौर पर पॉवर सेक्टर इम्प्लाई ट्रस्ट के भी प्रमुख थे, जिसने डीएचएफएल जैसी विवादास्पद कंपनी में ईपीएफ निवेश करने का निर्णय लेने में नियमों का उल्लंघन किया।

    सूत्रों के अनुसार, हालांकि संजय अग्रवाल और आलोक कुमार ने विवादास्पद कंपनी डीएचएफएल के खातों में ईपीएफ के पैसे को हस्तांतरित करने में किसी भूमिका से इंकार किया है।

    इस बीच, ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, शैलेंद्र दुबे ने आईएएनएस से कहा कि वरिष्ठ नौकरशाहों से सही तरीके से पूछताछ की जाए, ताकि ईपीएफ का पैसा डीएचएफएल को हस्तांतरित करने के बारे में खास जानकारी सामने आ सके।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *