उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को पानी मिलाकर दूध परोसे जाने पर जिलाधिकारी ने शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सोनभद्र जिले में चोपन ब्लॉक के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पीने के लिए ‘अत्यधिक’ पतला दूध दिया जा रहा था। एक लीटर दूध को 81 बच्चों में बांटने के लिए इसमें पानी मिलाया गया था। मामले में जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए शुक्रवार को कार्रवाई की।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया, जबकि शिक्षामित्र की संविदा भी समाप्त कर दी गई है और खंड शिक्षा अधिकारी(एबीएसए) मुकेश कुमार पर कार्रवाई के लिए संस्तुति कर दी गई है। वहीं मौके पर कार्यरत शिक्षामित्र पर चोपन थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने आईएएनएस से कहा, “सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक अवकाश पर चल रही हैं। ऐसे में वहां का चार्ज पास के उच्च प्राथमिक विद्यालय सलईबनवा के प्रधानाध्यापक स्लेश कुमार कनौजिया को दिया गया था। इसी दौरान दो दिन पहले एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर बच्चों को पिलाने का मामला प्रकाश में आया।”
उन्होंने कहा, “इस मामले की जांच हुई तो पता चला कि प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र जितेंद्र ने साजिश के तहत बच्चों को पानी मिला हुआ दूध पिलवाया। प्रधानाध्यापक और एबीएसए ने भी लापरवाही बरती है। पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए शिक्षामित्र को बर्खास्त कर दिया है। वहीं, प्रधानाध्यापाक को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा एबीएसए के खिलाफ कार्य में लापरवाही बरतने के कारण विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।”
इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी(बीएसए) डॉ. गोरखनाथ पटेल, डीडीओ राममाबू त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी। इसके बाद जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने गुरुवार शाम को स्वयं स्कूल में पहुंचकर बच्चों का बयान लिया। रसोइया, शिक्षामित्र, शिक्षक आदि से पूछताछ की गई। इसके बाद प्रभारी प्रधानाध्यापक स्लेश कुमार कनौजिया को निलंबित कर दिया गया। शिक्षामित्र जितेंद्र को बर्खास्त करते हुए चोपन थाने में एफआइआर भी दर्ज करायी गई है।
गौरतलब है कि मामले का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद अब आरोपियों पर कार्रवाई की गई है।