Fri. May 2nd, 2025

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना की राहें भले ही अलग हो गईं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भाई की तरह हैं। शिवसेना ने शुक्रवार को यह बात कही है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, “महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना और भाजपा की राहें भले ही अलग हो गईं हैं, लेकिन ‘मोदी-ठाकरे’ का रिश्ता ‘भाई समान’ हैं। यह प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने अपने छोटे भाई को स्वीकारें।”

    संपादकीय में यह भी कहा गया है, “प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं और किसी एक पार्टी के नहीं हैं, और अगर इस सिद्धांत का पालन किया जाता है, तो अलग-अलग विचारधारा वाले राज्य सरकारों के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं होनी चाहिए।”

    संपादकीय में आग्रह किया गया है कि जनता की भावनाओं का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि केंद्र किसी भी तरह से नई सरकार को अस्थिर नहीं करे, क्योंकि जनता की भावनाओं के कारण ही यहां राज्य सरकार का गठन हुआ है।

    ठाकरे की सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार राज्य पर पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई है।

    संपादकीय में कहा गया है, “अनिश्चित स्थिति को देखते हुए, नई सरकार को सार्वजनिक कल्याण के लिए अपने घोषित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सावधानी से चलना होगा.. मुंबई राष्ट्रीय अंशदान में अधिकतम योगदान देता है, यह पूरे भारत के लोगों को सबसे अधिक रोजगार प्रदान करता है। पीढ़ियों से महाराष्ट्र के सैनिक अपनी जान देकर देश की सीमाओं की रक्षा करते आए हैं।”

    संपादकीय में कहा गया है, “नए मुख्यमंत्री को यह ध्यान रखना होगा कि राज्य के साथ अब अन्याय न होने पाए, और न ही ‘दिल्ली दरबार’ की कतार में चौथे-पांचवें स्थान पर दिखे, बल्कि बराबरी के साथ खड़ा हो।”

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