सीबीएफसी चीफ पहलाज निहलानी आजकल कभी फिल्मों को बैन’ करने पर, या फिल्मों में कट लगाने के लिए बड़ी सुर्ख़ियों में आ रहे है। हाल ही में दिए एक स्टेटमेंट के अनुसार अब निहलानी मदिरा और सिगरेट सेवन जैसे दृश्य भी अब फिल्मों से हटा देंगे। सीबीएफसी चीफ अब और भी सख्त बनते जा रहे है।
पहले भी उन्होंने ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरखा’ को रिलीज़ होने से रोक दिया था। यही वजह से फिल्म इतनी विलम्ब से दर्शकों को देखने को मिली। उनका मानना था कि फिल्म औरतो पर आधारित है, और उसमें काफी अनैतिक दृश्य है। वही, ‘जब हैरी मेट सेजल’ के ट्रेलर में इस्तेमाल ‘इंटरकोर्स’ शब्द भी सीबीएफसी चीफ को भी खूब खला।
खबरों के हिसाब से सीबीएफसी चीफ का कहना है कि जिन कलाकारों के लाखों करोड़ो फैंस है, वो फिल्मों में ऐसे शराब या सिगरेट का दृश्य करते हुए अपने दर्शकों के लिए एक सही उदाहरण नहीं बनाते। अब आने वाली किसी भी फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं दिखाया जायेगा यदि ऐसा दृश्य फिल्म की कहानी के लिए अनिवार्य है तो फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट के साथ ही सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जायेगा।
ये सीबीएफसी चीफ भारत के दायरे से बाहर भी फरमान जारी कर चुके है। उनका यह कहना है कि आइफा अवार्ड्स के दौरान उनको मज़ाक का पात्र बनाया गया। उन्होंने इस फरमान में आइफा आयोजक को उनसे शमा याचना करने का आदेश दिया है। और इसके साथ ही, उन्होंने पिछले साल आइफा में उन पर टिप्पणी पर भी विरोध उठाया। उन्होंने आगे कहाँ कि ऐसे एक्ट्स पर रोक लगानी चाहिए।
सीबीएफसी चीफ पहलाज निहलानी संस्कार की आड़ में पता नहीं अब और क्या क्या बेन करेंगे। संस्कार किसी भी जने के परिवाहिक या सम्बंधित पृष्ठभूमि से प्राप्त होते है, और न की फिल्म के ऐसे कोई दृश्य से। क्या फिल्म से ऐसे दृश्य बेन करने से, भारतवासियों में संस्कार उमाड़ जायेंगे? या फिर शराब या सिगरेट का सेवन नहीं होगा? संस्कार एक भरी शद्ब है, जो इन सब चीज़े से काफी परे है।