पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव की गुरुवार को हो रही मतगणना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए कालियागंज सीट पर जीत दर्ज कर ली है और करीमगंज और खड़गपुर सदर सीटों पर निर्णायक बढ़त बना ली है। इन सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुए थे।
कालियागंज में मतगणना के शुरुआती रुझानों में भाजपा से पिछड़ने के बाद टीएमसी उम्मीदवार तपन देव ने बाद में 2,304 मतों से जीत दर्ज की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कमल चंद्र सरकार दूसरे स्थान पर रहे, वहीं वाम मोर्चा के समर्थन से कांग्रेस उम्मीदवार दिताश्री रॉय तीसरे स्थान पर रहे।
खड़गपुर सदर सीट से टीएमसी उम्मीदवार प्रदीप सरकार 18,707 मतों से आगे चल रहे हैं। शुरुआती चरणों में आगे चल रहे वाम मोर्चा के समर्थन से कांग्रेस उम्मीदवार चितरंजन मंडल तीसरे स्थान पर पहुंच गए है। भाजपा प्रत्याशी प्रेम चंद्र झा दूसरे स्थान पर चल रहे हैं।
कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ रॉय के निधन के कारण कालियागंज सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा, वहीं खड़गपुर सदर के भाजपा विधायक दिलीप घोष के इसी साल मेदिनीपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित होने के कारण यहां चुनाव कराया गया।
इसी तरह नादिया जिले में करीमपुर विधानसभा सीट से टीएमसी विधायक महुआ मोइत्रा के कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण यहां उपचुनाव कराना पड़ा है।
टीएमसी ने करीमपुर में भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया और उसके उम्मीदवार बिमलेंदु सिन्हा रॉय अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी भाजपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार से 23,603 मतों से आगे चल रहे हैं।
कांग्रेस समर्थित माकपा प्रत्याशी गुलाम रब्बी यहां तीसरे स्थान पर चल रहे थे।
वाम मोर्चा और कांग्रेस ने यह चुनाव गठबंधन के तहत लड़ा था। इस तरह खड़गपुर और कालियागंज में कांग्रेस और करीमपुर में वाम मोर्चा की प्रमुख पार्टी माकपा ने उम्मीदवार उतारे थे।
इन परिणामों से भाजपा को भारी निराशा हुई है, जिसे लोकसभा चुनाव में खड़गपुर सदर और कालियागंज क्षेत्र में भारी बढ़त मिली थी।
जहां घोष को खड़गपुर सदर सीट पर 45,000 की भारी बढ़त मिली थी, वहीं केंद्रीय मंत्री देबोश्री चौधरी ने रायगंज सीट जीतते हुए कालियागंज में लगभग 57,000 मतों की भारी बढ़त हासिल की थी।