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    मनी लॉन्ड्रिंग मामले,अहमद पटेल का परिवार

    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी के राजनीति सलाहकार अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल और दामाद इरफ़ान सिद्धकी पर प्रवर्तन निदेशालय का संकट घिर सकता है। जानकारी के अनुसार वडोदरा की संदेसरा ग्रुप के एक अधिकारी ने जांच के दौरान 500 करोड़ बैंक लोन फ्रॉड के मामले में तीनों का नाम लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा है कि इन पैसो को प्रॉपर्टीज और सेल कंपनियों को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया है। पैसे के लेन देन में फैजल के ड्राइवर को भी पैसे मिले है।

    प्रवर्तन निदेशालय के सूत्र ने बताया कि संदेसरा ग्रुप के एग्जिक्यूटिव सुनील यादव ने ईडी को दिए गए लिखित बयान में आरोप लगाया है कि इस ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा और उनके सहयोगी गगन धवन ने सिद्दीकी को कैश दिया था। यादव ने ईडी को यह भी बताया कि उन्होंने फैजल पटेल के ड्राइवर को कैश दिया था। ये पैसे चेतन संदेसरा की तरफ से अहमद पटेल के बेटे को दिए जाने थे।

    सुनील यादव ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि चेतन अक्सर अहमद पटेल के घर जाते थे। वह उस जगह को ‘हेडक्वॉर्टर 23’ नाम से बुलाते थे। यादव ने कहा कि संदेसरा इरफ़ान सिद्की को जे2 और फैजल पटेल को जे1 बुलाते थे। यादव का बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 50 के तहत रिकॉर्ड किया गया। यादव का बयान न्यायिक कार्यवाई के तौर पर माना गया और इसे अदालत सबूत के तौर पर स्वीकार कर सकता है।

    वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ईडी के सामने कुछ भी कहने से साफ़ इंकार दिया है। इसपर पटेल के दामाद इरफ़ान ने कहा कि वे खुद इस मामले में संवादताओं के समक्ष आएंगे और इसके बारे में बतायेगे। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समन के बावजूद चेतन अभी तक जाँच एजेंसी के सामने नहीं आये है। वही इस मामले में गगन धवन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

    यह है मामला
    गुजरात स्थित स्टर्लिंग बायोटेक नामक फार्मा कंपनी के नाम पर आंध्रा बैंक से 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था। कई नोटिसों के बावजूद कंपनी प्रमोटर्स ने पैसे वापस नहीं किए। इसके बाद बैंक ने इस बात की शिकायत सीबीआई से कर दी। सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर फार्मा कंपनी के डायरेक्टर जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन, राजभूषण ओम प्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल और चार्टर्ड एकाउंटेंट हेमंत हाथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने प्रिवेंशन आॅफ मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।

    लेकिन अभी तक प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में एक ही गिरफ्तारी की है। इस मामले से जुड़े अभी कुछ तथ्यों को खंगाला जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का नाम आने से राजनीती तेज हो गई है। पटेल 19 साल से अध्यक्ष रही सोनिया गाँधी के राजनीती सलाहकार रहे है। पटेल गाँधी परिवार के काफी करीबी माने जाते है।

    आपको बता दें कि नवंबर में ईडी के अधिकारियों ने अहमद पटेल के करीबी संजीव महाजन और संदेसरा ग्रुप से जुड़े कारोबारियों के घरों पर छोपेमारी भी की थी।