युनाइटेड किंगडम में होने वाले संसदीय चुनाव में इस बार रिकार्ड संख्या में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 13 दिसंबर को होने वाले चुनाव में 70 से अधिक पाकिस्तानी मूल के उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी प्रमुख राजनैतिक दलों ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी नेताओं को टिकट दिया है।
‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब कंजरवेटिव, लेबर व लिबरल डेमोक्रेट पार्टी ने पाकिस्तानी मूल के 70 से अधिक प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे पहले कभी देश के संसदीय चुनाव में पाकिस्तानी मूल के इतने उम्मीदवार नहीं उतरे थे।
अधिकांश ब्रिटिश-पाकिस्तानी कंजरवेटिव पार्टी की तरफ से मैदान में हैं लेकिन माना जा रहा है कि लेबर पार्टी के टिकट पर जो चुनाव लड़ रहे हैं, उनके जीतने की संभावना अधिक है।
कंजरवेटिव पार्टी ने पाकिस्तानी मूल के 20 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इनमें मौजूदा वित्त मंत्री साजिद जाविद भी हैं जो साल 2010 से संसद में वारविकशायर के ब्रोम्सग्रोव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनके अलावा परिवहन मंत्री नुसरत गनी भी इनमें शामिल हैं जो हाउस आफ कॉमन्स में कंजरवेटिव पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाली पाकिस्तानी मूल की पहली महिला हैं।
लेबर पार्टी ने 19 ब्रिटिश-पाकिस्तानी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। निवर्तमान संसद में पाकिस्तानी मूल के सर्वाधिक सांसद लेबर पार्टी से ही थे। यह सभी नौ निवर्तमान सांसद इस बार भी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। इनमें पाकिस्तानी मूल के सबसे वरिष्ठ सांसद खालिद महमूद शामिल हैं।
लिबरल डेमोक्रेट ने पाकिस्तानी मूल के 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आज तक कभी भी इस पार्टी के टिकट पर पाकिस्तानी मूल के किसी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली है। पार्टी को उम्मीद है कि इस बार इस मामले में उसका खाता खुलेगा।
ब्रेग्जिट का विरोध करने वाली पार्टी ने भी पांच ब्रिटिश-पाकिस्तानियों को मैदान में उतारा है, जबकि ग्रीन पार्टी ने चार को टिकट दिया है। स्कॉटलैंड की सबसे बड़ी पार्टी एसएनपी ने किसी ब्रिटिश-पाकिस्तानी को टिकट नहीं दिया है।
करीब 10 ब्रिटिश-पाकिस्तानी उम्मीदवार छोटे स्थानीय दलों के हैं जो आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
इस सूची के जारी होने के बाद यहूदी विरोधी रुख के आरोप में कंजरवेटिव पार्टी ने अपने लीड्स नॉर्थ ईस्ट के प्रत्याशी अमजद बशीर और लिबरल डेमोक्रेट ने बर्मिघम-हॉज हिल के प्रत्याशी वहीद रफीक की दावेदारी वापस ले ली है।