Sun. Nov 24th, 2024

    उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शिक्षा पाठ्यक्रम में मौलिक कर्तव्यों को शामिल करने के साथ ही उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करने का प्रस्ताव दिया है।

    संविधान दिवस मनाने के लिए आयोजित संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए नायडू ने नागरिकों के कर्तव्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसे उचित स्तर पर पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

    उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि देशभर के सभी शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर मौलिक कर्तव्यों की एक सूची प्रदर्शित की जाए।

    संसद के सेंट्रल हॉल में नायडू ने कहा, “हमें उचित अभियानों के माध्यम से युवाओं तक पहुंचना चाहिए।”

    अन्य सुझावों के अलावा नायडू ने मातृभाषा का सम्मान करने पर विशेष जोर दिया।

    उच्च सदन के अध्यक्ष ने कई अवसरों पर सदस्यों को सदन में अपनी मातृभाषा में बोलने के लिए प्रोत्साहित किया।

    हाल ही में जब एमडीएमके नेता वाइको ने क्षेत्रीय भाषा में इन-फ्लाइट घोषणाओं को सुनिश्चित करने का सुझाव दिया तो नायडू ने तुरंत संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि वे संबंधित मंत्रालय को ध्यान दिलाएं और प्रस्ताव को आगे बढ़ाएं।

    राज्यसभा के सभापति ने संविधान दिवस पर बोलते हुए परिवर्तन और समावेशी विकास पर जोर दिया।

    उन्होंने कहा, “प्रत्येक नागरिक को यह महसूस करना चाहिए कि वह विकास की कहानी का हिस्सा है।”

    26 जनवरी, 1950 को लागू हुए भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *