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    बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने यहां सोमवार को कहा कि राजद कभी भी नीति और सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि अगर राजद नीति और सिद्धांतों से समझौता कर लेता तो आज मुख्यमंत्री राजद का होता।

    बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “हमने कभी अपनी नीति और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, ना करेंगे। राजद ने सिद्धांतों से समझौता कर लिया होता तो सुशील कुमार मोदी जिस पद पर हैं, उसी पर होते, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं, राजद का कोई नेता होता।”

    तेजस्वी के इस बयान के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है तथा तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। तेजस्वी के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा ने राजद, कांग्रेस और जद (यू) की सरकार गिराने से पहले राजद से संपर्क किया था, जिसमें राजद को मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि इस मसले पर कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है।

    बहरहाल, तेजस्वी का बयान आने के बाद बिहार की राजनीति एकबार फिर से गर्म होने की संभावना जताई जा रही है।

    वर्ष 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और जद (यू) महागठबंधन को बहुमत मिला था और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के दोनों पुत्र मंत्री बनाए गए थे। इसके 20 महीने के बाद ही यह सरकार गिर गई थी और फिर भाजपा की मदद से नीतीश मुख्यमंत्री बने थे।

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