कॉमनवेल्थ गेम्स में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने कहा है कि उनके पास पिछले छह वर्षों से कोई स्पॉन्सर नहीं है। मनोज दो दिसंबर से शुरू हो रही बिग बाउट लीग में एनसीआर पंजाब की टीम से 69 किलोग्राम भार वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेंगे।
इस लीग में उनका मुकाबला अडानी गुजरात के दुर्योधन सिंह नेगी से, बॉम्बे बुलेट्स के नवीन बूरा से, नॉर्थ ईस्ट राहिनो के अंकित खताना से, ओडिशा वॉरियर्स के उज्बेकिस्तानी मुक्केबाज जे होंगिर राखमानोव से और बैंगलुरु ब्रवलर्स के नाइजीरियाई मुक्केबाज ओसोबो अब्दुल अफीस से होगा।
लंदन और रियो ओलंपिक में भाग ले चुके मनोज ने कहा कि खेल के दौरान चोट से निपटने के लिए भी उन्हें बड़ी राशि अपनी जेब से खर्च करनी पड़ी और ऐसी स्थिति में बिग बाउट लीग के आयोजन से उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने का एक मौका मिलेगा।
अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज मनोज दो बार ओलंपिक में भाग ले चुके हैं, जो अभी तक अपने रेल विभाग में क्लास-2 रैंक का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे पिता और बड़े भाई का सपना रहा है कि मैं ओलंपिक में पदक जीतूं। इस लीग के आयोजित होने से मुझे अपनी तैयारियों का जायजा लेने का अवसर मिलेगा। वैसे भी साल भर चोट से दूर रहने के बाद पूरा माहौल चुनौतीपूर्ण हो जाता है।”
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने कहा, “मेरे वजन में अब प्रतिस्पर्धा भी अब काफी बढ़ गया है। बिग बाउट लीग के लिए मेरी तैयारियां ओलंपिक क्वालीफाइंग के लिए होने वाले ट्रायल में उनके काम आएंगी और एक तरह से बिग बाउट लीग ओलंपिक पदक जीतने के रास्ते की पहली सीढ़ी है और इसके लिए मैं अपने लम्बे अनुभव का पूरा इस्तेमाल करूंगा।”