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    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार सुबह आए राजनीतिक भूकंप से उबरने की कोशिश करते हुए कहा कि अजीत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विधायकों के समर्थन की जो सूची सौंपी है, दरसल वह विधायकों का उपस्थिति पत्र है।

    यह कोई पार्टी की ओर से आधिकारिक सूची नहीं थी। शिवसेना के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान शरद पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की बात को दोहराते हुए कहा, “पार्टी की बैठक में उपस्थिति के लिए विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे। यही सूची अजित पवार ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन पत्र के रूप में सौंपी है।”

    इस दौरान वहां उपस्थित शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने देश में इस प्रकार के चल रहे राजनीतिक खेल को लेकर अपनी चिंता जताई।

    उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा, “पहले ये बिहार में, फिर हरियाणा और अब महाराष्ट्र में। वह पार्टी और विधायकों को तोड़ते हैं और हमने उन्हें उजागर किया है। हम राकांपा के साथ हैं और भविष्य में भी संयुक्त रूप से कदम उठाएंगे।”

    शरद पवार ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने की कगार पर था, लेकिन शनिवार सुबह सात बजे उन्हें पता चला की घटनाक्रम बदल चुका है।

    पवार ने कहा, “हमारे पास कुल 169 विधायकों का समर्थन है, इसलिए हम (तीनों पार्टियां) साथ आए। हमारे पास संख्याबल था और सरकार बनाने वाले थे। राज्यपाल ने जो आज किया उससे आश्चर्य चकित हैं।”

    राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने भी उनके साथ ही राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

    शरद पवार ने कहा कि कुछ विधायकों को साथ लेकर भाजपा के साथ जाने के अजीत पवार के निर्णय के साथ राकांपा नहीं है।

    उन्होंने कहा, “राकांपा इसका पूर्ण विरोध करती है। यह पार्टी के खिलाफ उठाया गया कदम है और अजीत पवार ने पार्टी अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी हैं।”

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