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    चुनाव प्रचार के दौरान आमतौर पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं के उत्थान, सशक्तीकरण की बात कर महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन जब महिलाओं को अधिकार देने का मौका आता है, तब कमोबेश सभी राजनीतिक दल अपने पैर पीछे खींच लेते हैं।

    कुछ ऐसा ही झारखंड के इस विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है, जहां करीब-करीब सभी राजनीतिक दलों ने महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में कंजूसी बरती है। स्वभाविक है कि जब महिलाएं प्रत्याशी ही नहीं बनेंगी तो वे विधानसभा तक कैसे पहुंचेंगी।

    सबसे मजेदार है कि ‘बेटी-पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनाव में प्रमुख पार्टियों में महिलाओं को टिकट देने में सबसे नीचे पायदान पर है। भाजपा ने अब तक 79 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन इसमें मात्र सात महिलाओं के ही नाम हैं, यानी करीब 10 प्रतिशत।

    भाजपा की जारी प्रत्याशियों की सूची में महिलाओं की पंक्ति में दुमका से डॉ़ लुइस मरांडी, कोडरमा से डॉ़ नीरा यादव, झरिया से रागिनी सिंह, पोटका से मेनका सरदार, छतरपुर से पुष्पा देवी, निरसा से अपर्णा सेन गुप्ता और तमाड़ से रीता देवी मुंडा हैं।

    इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरे हैं। झामुमो जहां 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है, वहीं कांग्रेस के हिस्से 31 और राजद के हिस्से सात सीटें आई हैं।

    झामुमो ने अब तक 28 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिसमें पांच पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया, जबकि कांग्रेस ने अब तक 29 प्रत्याशियों में से पांच महिलाओं को टिकट थमाया है। इस चुनाव में भाजपा से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरे आजसू ने अब तक अपने 31 प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिसमें छह महिलाएं शामिल हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) भी महिलाओं को टिकट देने के मामले में भाजपा से आगे है। झाविमो ने अब तक 62 प्रत्याशियों की सूची घोषित की है, जिसमें आठ महिलाएं शामिल हैं।

    उल्लेखनीय है कि इस विधानसभा चुनाव में राज्य की 10 ऐसी सीटें हैं जहां प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य महिला मतदाता तय करेंगी। इन 10 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाता से अधिक है।

    झारखंड में खूंटी, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकाड़ीपाड़ा, घाटशिला, खरसांवा, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर और सिमडेगा, ऐसी सीटों में शुमार हैं, जहां महिलाएं इस चुनावी दंगल में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।

    झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2,26,17,612 हो गई, जिसमें पुरुष मतदाता 1,18,16,098 हैं, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1,08,01,274 है। तीसरे जेंडर मतदातओं की संख्या 240 है। इस बार मतदाताओं के लिंगानुपात में काफी वृद्धि हुई है। पहले यह 908 थी, जो इस बार बढ़कर 914 हो गई है।

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