बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को प्रारंभ हो गया। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने अपने तेवर दिखाते हुए विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन के बाहर हंगामा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने सदन पहुंचे।
सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन के बाहर और अंदर केंद्र और राज्य सरकार पर जेएनयू मामले को लेकर हंगामा किया। राजद नेता ललित यादव ने पत्रकारों से कहा, “बिहार में शिक्षा की बदतर हालत हो गई है। देशभर में जेएनयू जैसे कुछ नामी शिक्षण संस्थान बचे हैं, उन्हें भी सरकार समाप्त करने पर तुली है।”
विधानसभा कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शोक प्रस्ताव पढ़ा और सदन ने दिवंगत नेताओं को श्रद्घांजलि दी। इसके बाद विजय चौधरी ने सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
28 नवंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में पांच बैठकें निर्धारित हैं। पटना में भयावह जलजमाव के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र है। ऐसे में विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही बिहार में दिन-ब-दिन बिगड़ रही कानून-व्यवस्था के मामले पर भी विपक्ष के सरकार को घेरने की तैयारी है।