अमेरिका ने भारतीय नौसेना को एक अरब डॉलर की 13 तोपें और अन्य उपकरण बेचने को मंजूरी दे दी है, जिससे भारत वर्तमान और भविष्य के खतरों का सामना कर सके। डिफेंस सिक्युरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने यह जानकारी दी।
डीएससीए ने बुधवार को कहा कि विदेश विभाग ने सतह-रोधी युद्ध और हवाई-रोधी रक्षा एमके 45 इंच/62 कैलिबर (मोड4) नौसैन्य तोपों की बिक्री को मंजूरी दे दी है और कांग्रेस को मंगलवार को इसकी सूचना देकर आगे की कार्यवाही करने के लिए सूचित कर दिया गया है।
यह मंजूरी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे के कुछ ही दिनों बाद दी गई। इससे भारत की नौसैन्य क्षमता बढ़ेगी और अरब सागर में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
एमके 45 को बीएई सिस्टम्स लैंड और अर्मामेंट्स ने केंटुकी स्थित लुईसविले में बनाया है।
यह सौदा भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों में ताजा कड़ी है और दोनों देशों की सेनाएं विशाखापत्तनम में एक नौसैन्य संयुक्त अभ्यास टाइगर ट्रिअंफ में हिस्सा ले रही हैं।
पिछले सप्ताह अभ्यास शुरू होने के मौके पर अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, “भारत और अमेरिका के बढ़ते, उच्चस्तरीय विश्वास और हमारे साथ काम करने के मार्गो को आसान बनाने के लिए लगातार प्रयासों के कारण यह सैन्य अभ्यास हो रहा है।”
डीएससीए की घोषणा में एक स्पष्टीकरण भी है, जिसके अनुसार, ‘इस उपकरण की प्रस्तावित बिक्री और इस सहयोग से क्षेत्र में मूल सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा।’
डीएससीए ने कहा कि किसी ऑफसेट पर बीएई सिस्टम्स और नई दिल्ली के बीच वार्ता होगी। ऑफसेट के तहत भारत में उत्पाद के कुछ कल-पुर्जो या अन्य वस्तुओं का निर्माण करना जरूरी होता है।
घोषणा में कहा गया है, “प्रस्तावित खरीद से वर्तमान या भविष्य में किसी शत्रु हथियार प्रणाली से निपटने के लिए भारत की क्षमता बेहतर होगी। एमके 45 गन सिस्टम सतह रोधी युद्ध और वायु रोधी रक्षा मिशनों को अंजाम देने की क्षमता प्रदान करेगा।”
घोषणा में आगे कहा गया, “भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ और अपनी घरेलू रक्षा को मजबूत करने में करेगा।”
डीएससीए ने कहा कि सौदे में 3,500 डी349 प्रोजेक्टाइल, पांच इंच/54 एमके 92 एमओडी 1 गोला बारूद और स्पेयर पार्ट्स, निजी प्रशिक्षण और उपकरण प्रशिक्षण, प्रकाशन और तकनीकी डाटा, परिवहन और रसद तथा अमेरिकी सरकार और बीएई सिस्टम्स का तकनीकी सहयोग शामिल हैं।
बीएई सिस्टम्स के अनुसार, 20 नॉटिकल मील या 36 किमोमीटर से ज्यादा रेंज के एमके 45 एमओडी 4 अमेरिका की नौसेना के डीडीजी 51 क्लास विध्वंसकों के तौर पर और दक्षिण कोरिया, जापान और डेनमार्क के बेड़े में शामिल हैं।
बीएई सिस्टम्स के एक प्रायोजित वीडियो में कहा गया है कि एमके 45 को सतह के बल की रक्षा और उसके सहयोग के लिए, आंतरिक क्षेत्रों पर नियंत्रण करने और युद्धक्षेत्र को तैयार करने में उपयोग किया जा सकता है।
भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लगभग 1,200 कर्मी और अमेरिका नौसैनिक और नाविक 13 नवंबर से नौ-दिवसीय युद्धाभ्यास टाइगर ट्रिअंफ में भाग ले रहे हैं।
आईएनएस जलश्वा और यूएसएस जर्मनटाउन अभ्यास में शामिल हैं, इसके तहत ये विशाखापत्तनम से काकीनाडा तक जा रहे हैं।
नई दिल्ली में अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस सौदे से वर्तमान और भविष्य में शत्रु हथियार प्रणाली से निपटने में भारतीय क्षमता बेहतर होगी।