क्या रेलवे यात्री सेवा समिति (पीएससी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कोई राजनेता अपनी व्यक्तिगत पसंद या नापसंद के हिसाब से किसी भी किताब की बिक्री पर रोक लगा सकता है? रेलवे बोर्ड की यात्री सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र रत्न ने बुधवार को भोपाल रेलवे स्टेशन का दौरा किया और इसी दौरान उन्होंने वहां एक पुस्तक विक्रेता को मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के उपन्यास ‘वूमेन, सेक्स, लव एंड लस्ट’ की बिक्री को बंद करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि इस तरह के ‘अश्लील’ साहित्य से भावी पीढ़ी बर्बाद हो सकती है।
रत्न ने अधिकारियों को भोपाल स्टेशन पर बुक स्टॉलों पर ‘इस तरह की अश्लील चीजों’ की बिक्री न हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रत्न स्टेशन पर एक निरीक्षण अभियान में थे और तभी उनकी नजर एक बुक स्टाल पर सिंह के उपन्यास और दूसरे किसी अन्य बुक स्टॉल पर गर्भावस्था के दौरान निवारक उपायों से संबंधित एक किताब को देखा।
इन किताबों को देखते ही उन्होंने तुरंत विक्रेता से इन दोनों ही किताबों को वहां से हटाने को कहा।
इतना ही नहीं, उन्होंने उन पुस्तक विक्रेताओं को यह भी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इन किताबों की बिक्री जारी रही तो जुर्माना लगा दिया जाएगा।
रत्न ने स्टेशन पर पत्रकारों को बताया, “यह एक बहुउद्देशीय स्टॉल है, तो इस तरह के शब्दों (किताब के कवर पर लिखे गए शब्द) के साथ अश्लील चीजों का प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए। अधिकारियों को चेतावनी और निर्देश दिए गए हैं कि वे विक्रेताओं द्वारा इन किताबों की बिक्री न की जाए इस बात को सुनिश्चित करें।”
उन्होंने आगे कहा, “हम भावी पीढ़ी को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं।”