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    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (एसवीडीवी) में सहायक प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त डॉ. फिरोज खान छात्रों के दो गुटों के बीच फंस गए हैं। एक गुट उनका विरोध कर रहा है, तो वहीं दूसरा गुट उनका समर्थन कर रहा है।

    दरअसल, विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के छात्रों ने मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है, लेकिन वहीं बीएचयू के छात्रों का ही दूसरा समूह प्रोफेसर के समर्थन में उतर आया है।

    समर्थन कर रहे छात्रों का कहना है कि “हम फिरोज खान के साथ हैं और हम ऐसे परेशान प्रोफेसर का समर्थन कर रहे हैं, जो अपनी नियुक्ति के बाद विरोध प्रदर्शन के कारण एक भी कक्षा नहीं ले पाए हैं।”

    इसले अलावा इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के लंका गेट से रविदास गेट तक ‘हम आपके साथ हैं डॉ. फिरोज खान’ लिखे बैनर लेकर शांति मार्च भी किया। इस मार्च में एनएसयूआई, यूथ फॉर स्वराज और आइसा के छात्र शामिल थे।

    सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि वाराणसी के संतों के एक समूह ने खान के विरोध में हो रहे प्रदर्शन पर खेद जताया है। उनका कहना है कि प्रोफेसर का परिवार एक गोशाला चलाता है, और उनकी हिंदू धर्म में गहरी आस्था है।

    इसी बीच एसवीडीवी के डीन विंधेश्वरी मिश्रा ने कहा, “कोई नहीं जानता कि डॉ. फिरोज खान कहां रह रहे हैं। वह यहां नहीं आए हैं और कुछ लोग दावा करते हैं कि वह जयपुर में अपने परिवार से मिलने गए हैं।”

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