Wed. Nov 6th, 2024

    गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बुधवार को कहा कि इसपर आपत्ति जताने वाले कोर्ट में इसे चुनौती दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि संप्रग कार्यकाल में भी कुछ नेताओं की सुरक्षा घटाई गई थी।

    स्वामी ने राज्यसभा में कहा, “हमेशा से गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक विशेष कमेटी होती है जो यह निर्णय लेती है और अगर इसमें किसी को कोई शक है तो वह कभी भी कोर्ट जा सकता है और इसे चुनौती दे सकता है।”

    राज्यसभा सांसद ने कहा कि ‘गांधी परिवार को खतरा मुख्य रूप से लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) द्वारा राजीव गांधी की हत्या किए जाने पर ही पैदा हुआ था और अब यह खत्म हो गया है।’

    इसके लिए उन्होंने दो कारणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि एक तो अब लिट्टे ही नहीं है और दूसरा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए लोगों के प्रति सुरक्षा प्राप्त लोगों (सोनिया गांधी और परिवार के अन्य सदस्य) का आचरण वैसा कुछ नहीं है।

    स्वामी ने कहा, “सोनिया गांधी ने खुद राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें (दोषी ठहराए गए और फांसी की सजा पाए) फांसी नहीं दी जानी चाहिए।”

    इसपर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उन्हें गैर जरूरी मुद्दा नहीं उठाने के लिए कहा।

    सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को नियम 267 के अंतर्गत उनके नोटिस के जवाब में मुद्दा उठाने के लिए कहा।

    गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए आनंद शर्मा ने राज्यसभा में मांग की कि उन्हें सर्वोच्च सुरक्षा कवच दिया जाना चाहिए।

    शर्मा ने कहा कि चारों नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल करना राष्ट्रहित में है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *