संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने संयुक्त राष्ट्र और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बीच आतंकवाद-रोधी साझेदारी की सराहना की है। शांति, सुरक्षा और स्थिरता पर यूएन-एससीओ सहयोग पर आयोजित एक कार्यक्रम में मंगलवार को गुटेरस ने एससीओ को क्षेत्रीय कूटनीति, बहुराष्ट्रवाद और यूरेशिया में सबसे ज्यादा जरूरी शांति और सुरक्षा मुद्दों के संबंध में सहयोग बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाला बताते हुए उसकी प्रशंसा की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र स्थित रूसी मिशन और एससीओ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में आतंकवाद और संगठित अपराध में संबंध और ड्रग तस्करी (नशीले पदार्थो की तस्करी) के माध्यम से आतंकवाद को वित्तीय मदद देने जैसे मुद्दे छाए रहे।
गुटेरस ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के वातावरण की बढ़ती जटिलता में आतंकवाद, अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध और ड्रग तस्करी के अंतरसंबंध को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस माहौल में यह बैठक विशेष रूप से जरूरी है।
उन्होंने कहा, “ये अंतरसंबंधित मुद्दे एससीओ के सदस्य देशों की स्थिरता और सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं और यूएन एजेंसियां इनसे निपटने में स्वाभाविक साझेदार हैं।”
एससीओ एक अंतरसरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना की घोषणा जून 2001 में चीन के शंघाई में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान ने की थी।
एससीओ में संस्थापक छह राष्ट्रों समेत आठ सदस्य राष्ट्र हैं। शेष दो देश भारत और पाकिस्तान हैं।
क्षेत्रीय संगठन से साझेदारी का उल्लेख करते हुए गुटेरस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय एससीओ के साथ अपने संस्थागत संबंध मजबूत कर रहा है।