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    भारतीय मानक ब्यरो (बीआईएस) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ भारत के 20 राज्यों की राजधानियों में नल के माध्यम से सप्लाई किया जाने वाला पेयजल की शुद्धता मापने के लिए पानी के नमूनों को एकत्रित किया गया था। जिसकी जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया था कि मुंबई पेयजल के मामले में अव्वल स्थान पर है। जबकि राजधानी दिल्ली का पानी पीने योग्य नहीं है।

    सीएम केजरीवाल: 11 नमूनों के आधार पर नहीं आंकी जा सकती पेयजल की शुद्धता

    इसे लेकर दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि किसी भी शहर की पानी की गुणवत्ता को 11 नमूनों के आधार पर नहीं आंका जा सकता है। इसके अलावा, रामविलास पासवान जी यह खुलासा नहीं कर रहे हैं कि नमूने कहाँ से लिए गए थे। मैं दिल्ली के प्रत्येक वार्ड से 5 नमूने लेगा, इसकी जाँच करवाऊँगा और जनता के सामने डेटा पेश करूंगा।

    केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान: इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करूंगा

    दिल्ली सीएम केजरीवाल के बयान का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं 2-3 वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति करूंगा और दिल्ली सरकार को भी 2-3 अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए। जो जांच कर सकें। उनसे पानी के नमूनों की जांच करा सकते हैं। हम सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट डालेंगे।

    राजाधानी नई दिल्ली में 11 जगहों से एकत्रित किए गए नमूने शुद्धता के विभिन्न मानकों पर विफल पाए गए जबकि मुंबई में एकत्रित किए गए सभी 10 नमूने बीआईएस के शुद्धता मानकों के अनुरूप उपयुक्त पाए गए थे।

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