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    झारखंड बनने के बाद से करीब 19 सालों तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के बीच चली दोस्ती अब टूट के कगार पर पहुंच गई है।

    दोनों दलों ने हालांकि अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है, परंतु इस विधानसभा चुनाव में जिस तरह एक-दूसरे के दावे वाली सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की जा रही है, उससे यह साफ है कि दोनों दल अब बस गठबंधन के टूटने के ‘अपयश’ से बचना चाह रहे हैं।

    भाजपा अब तक प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर कुल 68 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, जबकि आजसू ने 12 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं।

    इन दोनों दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब तक इस चुनावी रण में छह ऐसी सीटें हो गई हैं, जहां दोनों दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।

    इधर, झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर दिल्ली में गुरुवार को कह चुके हैं कि आजसू की रोज बढ़ती मांग पूरा करना असंभव है। हमलोग गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं, तय आजसू को करना है।

    वहीं दूसरी ओर, आजसू के प्रमुख सुदेश महतो ने 17 सीटों पर अपना दावा बनाए रखते हुए कहा, “पार्टी 26 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी कर चुकी है। भाजपा नेतृत्व को पहले ही हमारे दावे वाली सीटों की जानकारी दी जा चुकी थी। तय तो भाजपा को करना है।”

    इन बयानों से स्पष्ट है कि दोनों दल एक दूसरे के पाले में गेंद को डालकर अपने प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में उतारते जा रहे हैं।

    भाजपा के नेता संजय मयूख कहते हैं, “इस चुनाव में भाजपा की रणनीति 65 पार की है और पार्टी 65 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि जनता उनके साथ है। जनता को साथ रहना चाहिए।”

    भाजपा ने गुरुवार को हुसैनाबाद सीट से भी निर्दलीय प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को समर्थन देने की घोषणा कर दी। हुसैनाबाद में पहले ही आजसू अपना प्रत्याशी उतार चुकी है। इसके अलावा, लोहरदगा, वंदनकियारी, छतरपुर, चक्रधरपुर, सिंदरी और मांडु ऐसी सीटें हैं, जहां दोनों दल अपने-अपने प्रत्याशी की घोषणा कर चुके हैं।

    सूत्रों का दावा है कि आजसू शुक्रवार या शनिवार को प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर देगी।

    आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत कहते हैं, “पार्टी कभी नहीं चाहती कि गठबंधन टूटे। राज्य के विषय मजबूती से हल होने चाहिए। आजसू चाहती है कि एक एजेंडा बने जिसे लेकर इस विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच जाकर जनादेश मांगा जाए।”

    उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कोई ऐसी परिस्थिति नहीं बने, जिसके लिए झारखंड के जनादेश पर प्रश्नचिह्न् खड़ा हो। उन्होंने कहा कि पार्टी का अधिक से अधिक सीटों पर जीत सुनिश्चित करने पर ध्यान है।

    गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होने हैं। नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पर्चा दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है।

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