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    दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी

    दिल्ली में मेट्रो की मेजेंटा लाइन के उदघाटन समरोह में नहीं बुलाये जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी नाराज दिख रही है। पार्टी ने इस मामले पर खूब राजनीति की लेकिन आप अब इस मामले को भुनाना चाहती है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि जिन लोगो को सीएम को उद्घाटन समारोह में ना बुलाये जाने का दुःख है वह पार्टी को चंदा देकर अपना गुस्सा जाहिर कर सकते है।

    आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थको से सोशल मीडिया के जरिए चंदा देने की अपील की है। पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डालकर कहा कि अगर आप मुख्यमंत्री को उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाये जाने से गुस्सा है तो चंदा दे। वही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे दिल्ली के लोगो का अपमान बताया है। सिसोदिया ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम असल में अरविन्द केजरीवाल से डर गए है। इसलिए मुख्यमंत्री को मेट्रो की मेजेंटा लाइन उदघाटन में नहीं बुलाया गया।

    दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीएम केजरीवाल को न बुलाए जाने की दिलचस्प वजह बताई है। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिल्ली मेट्रो के उद्घाटन में ना बुलाना दिल्ली की जनता का अपमान है। ना बुलाने की केवल एक ही वजह है। इन्हें डर था कि कहीं केजरीवाल प्रधानमंत्री जी से जनता के लिए मेट्रो किराए कम करने की मांग ना कर दे। दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिल्ली मेट्रो के उद्घाटन में ना बुलाना दिल्ली का जनता का अपमान है।

    आम आदमी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री मोदी पर एक एक कर हमले बोले गए। उधर आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा कि देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास। त्रासदी देखिए कि वो दिल्ली में रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को साथ लेकर नहीं चल सकते मिलने पर केजरीवाल के अभिवादन का जवाब तक नहीं देते, वो सबका विकास कैसे कर सकता है? सोचियेगा ज़रूर।

    केजरीवाल को उद्घाटन समरोह में नहीं बुलाये जाने पर पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब केंद्र सरकार द्वारा आम आदमी को नीचा दिखाने कि कोशिश की जाती है। जब भी दिल्ली की निर्वाचित सरकार पर केंद्र की प्रतिक्रिया धूमिल होती है तो भारत की जनता आप के समर्थन में खड़ी रहती है।

    वही इस उदघाटन समरोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाकर दिल्ली सरकार की मानसिकता को चोट पहुंचाया गया है।