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    निशानेबाजी खेल

    आपको बता दें इस वर्ष भारत के युवा निशानेबाज खिलाड़ियों ने 2017 में रेंज पर अपनी कौशल का शानदार नमूना दिखते हुए भविष्य के लिये उम्मीदें जगाई है जबकि अगले साल कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट और चैंपियनशिप खेले जाने हैं। अगले साल राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप होने वाली है जिनमें बड़े-बड़े नामी गिरामी निशानेबाज और दिगज्ज खिलाड़ी अपने पदकों की तादाद बढाने और निशानेबाजी के खेल में अपनी छाप छोड़ने के इरादे से उतरेंगे। हालांकि निशानेबाजी के खेल को वर्ष के आखिर में करारा झटका भी लगा है क्योंकि बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में लाजिस्टिक से जुड़े मसलों के कारण इसे हटाया जा सकता है।

    दरअसल, इस साल भारत की ओर से निशानेबाजों में से इलावेनिल वालारिवन, मेघना सज्जनार, मेहुली घोष, अनीश भानवाला, शपथ भारद्वाज ने बेहतरीन प्रदर्शन का नमूना दिखाया है, इनके साथ ही सौरभ चौधरी, अखिल शेरोन, यशस्विनी सिंह देसवाल और अंगद वीर सिंह बाजवा के प्रदर्शन ने भी यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय निशानेबाजी का भविष्य उज्ज्वल अब उज्जवल हाथों में है। गौरतलब है कि उच्च स्तर पर डबल ट्रैप निशानेबाज अंकुर मित्तल ने कामयाबी का न्या इतिहास लिखते हुए अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप में रजत और स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।

    आपको बता दें इस साल राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी की प्रतियोगिताओं में भारत ने अपनी झोली में 20 पदक बटोरें है वहीं जापान में खेली गई एशियाई एयरगन चैम्पियनशिप में भारत ने 21 पदक और युवा ओलंपिक के चार कोटा स्थान हासिल किए।