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    चीन

    चीन ने तुर्की से सीरिया में आक्रमक कार्रवाई को रोकने की मांग की है और सुरक्षा से सम्बंधित मामलो को हल करने के लिए कूटनीति पर वापस आने का आग्रह किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि “चीन अंतरराष्ट्रीय संबंधो में बल के इस्तेमाल का विरोध करता है। हमें यकीन है कि सभी पक्षों को यूएन चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतो को पूर्वी तरह आंकना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय संबंधो को समान्य रखना चाहिए।”

    चीन के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय कानून के फ्रेमवर्क में भीतर इस मामले का हल राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके से करना चाहिए। सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि “हम तुर्की से दुश्मनी को खत्म करने और रजनीतिक समाधान की सही राह पर वापस आने का आग्रह करते हैं।” चीन ने उत्तरी सीरिया में आक्रमक कार्रवाई की शुरुआत सेफ जोन के निर्माण के लिए की थी जो कुर्द चरमपंथियों से मुक्त होगा।

    कुर्दिस्थान वर्कर पार्टी को वह एक चरमपंथी संगठन के तौर पर देखते हैं। अमेरिका ने उत्तरी सीरिया से अपने सैनिको को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस कार्रवाई पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है कि तुर्की की आक्रमकता इस इलाको को तबाह कर देगी और मानवीय संकट उत्पन्न होंगे।

    अमेरिका ने मंगलवार को तुर्की पर प्रतिबंधो को थोप दिया है और उनसे सीरिया में सैन्य कार्रवाई को बंद करने की मांग की है। वांशिगटन ने अंकारा पर नागरिको को जोखिम में डालने का आरोप लगाया है और आईएसआईएस चरमपंथियों को रिहा करने की अनुमति दी है।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया कि “यदि तुर्की तबाही और खतरनाक की राह पर बढ़ना छह रहा है तो हम उसकी अर्थव्यवस्था को तेजी से बरबाद करने को तैयार है।” साथ ही कहा स्टील पर शुल्क बढ़ाते हुए अमेरिका ने 100 अरब डॉलर के व्यापार सौदे पर बातचीत भी बंद कर दी है।

     

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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