नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्तेंबेर्ग ने शुक्रवार को सीरिया में तुर्की के अभियान पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और संयमता बरतने की मांग की है। उन्होंने तुर्की के विदेश मंत्री मेव्लुट कावुसोग्लू से बात करते हुए कहा कि “मैंने जारी अभियान पर अपनी गंभीर चिंताओं और क्षेत्र में अधिक अस्थिरता की परेशानियों को साझा किया है।”
उन्होंने कहा कि “सीरिया के गंभीर सुरक्षा चिंताए हैं और हम तुर्की से संयमता बरतने की अपेक्षा रखते हैं। नाटो गठबंधन का तुर्की एक महत्वपूर्ण भाग है लेकिन बुधवार को सीरिया में शुरू हुए अभियान में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ हासिल किये फायदों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “इन लाभों को नजरंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। चिंता यह है कि नजरबन्द दायेश के कैदियों को फरार होने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।” तुर्की सीरिया में कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट को आतंकवाद मानते हैं और उन्होंने हमले में इस समूह को निशाना बनाया है।
तुर्की सीमा के साथ सटे 30 किलोमीटर चौड़े बफर जोन की स्थापना करना चाहता है जहां वह उनके मुल्क में रह रहे सीरिया के शरणार्थियो को पनाह देगा। कोवुसोग्लू ने यूरोपीय सरकारों की आलोचना की है जिन्होंने तुर्की के अभियान की आलोचना की थी और इसे पाखंड करार दिया था।
उन्होंने कहा कि “तुर्की ने आखिरी लम्हे तक कूटनीति का प्रयास किया था लेकिन इस पर बात नहीं बनी और हमें खतरे से निपटने के लिए ऐसा करना ही था।” रिपोर्ट्स के मुताबिक नाटो के सहयोगी स्पेन ने दक्षिणी तुर्की से पैट्रियट मिसाइल को बाहर निकाल सकता है।
उन्होंने कहा कि “हम नाटो के सहयोगियों से तुर्की को समर्थन मुहैया करने की उम्मीद रखते हैं क्योंकि इस पर रजामंदी दी गयी थी। तुर्की फ्रंटलाइन पर है और हम यहाँ न सिर्फ तुर्की को बल्कि खुद की रक्षा के लिए है।”
तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि “क्यों हमने रूस से एस 400 मिसाइल प्रणाली के जखीरे को स्वीकार किया था। यह बहस और घटनाएं दर्शाती है कि तुर्की को अपनी रक्षा प्रणाली खरीदनी होगी। हम हम किसी भीख मांगने नहीं वाले हैं। यही एकमात्र कारण था कि हमने रूस से रक्षा प्रणाली को खरीदा।”