चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को भारत की यात्रा पर दूसरे भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए चेन्नई पहुचेंगे। वह प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधो के विकसित करने के लिए एक फ्रेमवर्क पर पन्हुचेगे। दोनों देशो के बीच मतभेदों की सूची बढती जा रही है।
तमिलनाडु के महाबलीपुरम में ने बातचीत के लिए कोई एजेंडा तय नहीं है लेकिन दोनों नेता कुछ चुनिन्दा अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय विषयों पर बातचीत करेंगे। नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के मुकाबले ज्यादा बहुमत से दोबारा सरकार का गठन किया है और शी आजीवन देश के राष्ट्रपति पद पर रहेंगे।
पूर्व विदेश सचिव ललित मानसिंह ने कहा कि “यहाँ मुद्दों के तीन व्यापक वर्ग है, वैश्विक, क्षेत्रीय और आर्थिक व् द्विपक्षीय जिन पर चर्चा की जा सकती है। बहरहाल इससे पहले मोदी और शी दोनों नेता दोनों देशो के बीच तापामान को कम करने की कोशिश करेंगे। दोनों देशो के बीच हाल ही में जम्मू कश्मीर के व्सिहेश दर्जे पर मतभेद उत्पन्न हुए थे।
भारत की अनौपचारिक मुलाकात से पूर्व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधनामंत्री इमरान खान ने बीजिंग में मुलाकात की थी। अरुणाचल प्रदेश में सैन्य अभ्यास को लेकिन भारत चीन भारत से नाराज है क्योंकि वह इस भाग को अपनी सरजमीं होने का दावा करता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता के लिए भारत दबाव बना सकता है। आर्थिक मामले पर दोनों नेता व्यापार गैप को भरने के तरीको पर चर्चा कर सकते है जो चीन के पक्ष में 50 अरब डॉलर बढ़ा है। चीन भारत पर हावेई की 5 जी नेक्स्ट जनरेशन फॉर वायरलेस कम्युनिकेशन को अपनाने के लिए दबाव बना सकता है। चीन की बाजार में पंहुच कम होंसे से भरत चिंतित है।