भारत ने गुरूवार को उत्तरी-सीरिया में तुर्की के आक्रमक एकतरफा सैन्य अभियान के बाबत गहन चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि “अंकारा की कार्रवाई क्षेत्र की स्थिरता को अनदेखा कर सकती है और मानवीय व नागरिक अशांति उत्पन्न हो सकती है।”
भारत का तुर्की की कार्रवाई पर जवाब
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “उत्तरी पूर्वी सीरिया में तुर्की के एकतरफा आक्रमक सैन्य अभियान से हम बेहद चिंतित है। तुर्की की कार्रवाई क्षेत्र की स्थिरता को अनदेखा कर सकती है और यह कार्रवाई क्षेत्र में मानवीय और नागरिक अशांति उत्पन करने की क्षमता रखता है।”
नई दिल्ली ने तुर्की से अधिकतम संयमता बरतने की मांग की है। साथ ही सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। तुर्की ने बुधवार को उत्तरी पूर्वी इलाके में कुर्द सेना के ठिकानों पर सैन्य अभियान शुरू किया था।
अमेरिका ने सीरिया से सैनिको को वापस बुलाने का ऐलान किया था और वह अब सीरियन डेमोक्रेटिक फाॅर्स की सैन्य सहायता नहीं करना चाहते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना की मध्यस्थता की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि “अमेरिका ने इस इलाके में लड़ने और नीतियाँ बनाने में करीब आठ ट्रिलियन डॉलर खर्च किया है और इतने सालो में हजारो सैनिको को गंवाया है।” तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में कश्मीर के मामले को उठाया था। इसके बाद भारत सरकार ने तुर्की को मामले में बोलने से पहले जमीनी हालत के बाबत पर्याप्त समझने की हिदायत दी थी।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तुर्की की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है। इस दिन की शुरुआत में यूएन के महासचिव एंटोनियो गुएटरेस ने उत्तरी सीरिया में तुर्की के सैन्य अभियान परे गहरी चिंता व्यक्त की थी और सभी पक्षों से इस इलाके में नागरिको की रक्षा करने की मांग की थी।