नेपाल-चीन ट्रेन कनेक्टिविटी शी जिनपिंग की काठमांडू यात्रा के दौरान प्राथमिक मुद्दा हो सकता है। नेपाली रक्षा मंत्री इश्वर पोखरल ने बुधवार को यह जानकारी दी है। चीन के वरिष्ठ अधिकारियो ने काठमांडू की यात्रा को चीन-भारत संबंधो के लिए बेहतर करार दिया है।
नेपाल-चीन सम्बन्ध
पोखरल ने कहा कि “चीन के साथ रेल कनेक्टिविटी नेपाली नागरीको के लिए एक ज्वलनशील मुद्दा है। यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों पक्ष शी जिनपिंग की यात्रा के दौरान चर्चा करना चाहेंगे। इस परियोजना के विभिन्न पहलू है जिन पर आला स्तर की वार्ता जरुरी है।”
यह रेल कनेक्टिविटी काठमांडू और तिब्बत के क्यिरोंग को जोड़ने की सार्थकता काफी थी जब साल 2015-16 व्यापार ब्लाक किया गया था। आर्थिक पाबन्दी ने भारत से नेपाल में उत्पादों की आवाजाही को पूर तरह से रोक दिया था और इसने काठमांडू के लिए अन्य विकल्प को मज़बूत कर दिया था।
हिमालय को जोड़ने की इस परियोजना की अनुमानित लागत 2.75 अरब डॉलर है और इसे चीनी सरकार के सबसे महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक माना जाता है। यात्रा के दौरान इस भारी परियोजना के वित्तीय मामले पर फोकस करने की सम्भावना है।
मंत्री ने कहा कि “यह यात्रा नेपाल की जनता के लिए सम्मान की बात है क्योंकि यह चीनी राष्ट्रपति की बीते दो दशक में पहली अधिकारिक यात्रा है। 12 अक्टूबर को जिनपिंग काठमांडू पहुचेंगे। इसका ऐलान नेपाल के विदेश मंत्रालय ने किया है और यह शी की भारत की यात्रा के बाद होगी।”
चीन के उप मंत्री लुओ ज्होहुई ने नेपाल के साथ नए रेलवे कनेक्टिविटी इनिशिएटिव पर फोकस केन्द्रित किया था और कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन-भारत का सहयोग का विस्तार नेपाल तक होगा हमें उम्मीद है कि यह सहयोग भूटान तक भी फैलेगा।” लुओ भारत में चीनी राजदूत थे और कहा कि बीजिंग भारत के साथ दक्षिण-दक्षिण पूर्व एशिया से अफ्रीका तक सहयोग बढ़ाना चाहता है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय के जारी बयान में कहा कि “शी जिनपिंग की यात्रा के दौरान वह नेपाल के प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली के साथ प्रतिनिधि स्तर की वार्ता करेंगे जहां द्विपक्षीय समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। जिनपिंग 13 अक्टूबर नेपाल से वापस चले जायेंगे।
पोखरल ने कहा कि “नेपाल के समक्ष राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए कोई शौपिंग लिस्ट नहीं है और वह इस दौरे को काठमांडू-बीजिंग के संबंधो को मज़बूत करने के अवसर के तौर पर देखते हैं। हम इस यात्रा को एक अवसर के तौर पर लेंगे जिससे दोनों मुल्को के बीच एक मैत्रीपूर्ण ब्रिज बन सके।”
नेपाल और चीन रेल कनेक्टिविटी के बाबत पुष्प कमल दहल प्रचंडा की साल 2008 में प्रधानमन्त्री के तौर पर बीजिंग यात्रा से चर्चा की जा रही है। इस मामले को ओली की बीजिंग यात्रा के दौरान भी उठाया गया था। रेलवे के आलावा दोनों पक्ष हाइड्रोपॉवर परियोजनाओं और कई आंतरिक ढांचागत परियोजाओं का मूल्याङ्कन कर सकते हैं।