चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से एक दिन पूर्व ही कांग्रेस पार्टी ने ने सवाल पूछा कि क्योंकि भारतीय सरकार कश्मीर पर चीन की मौजूदा स्थिति को होंकोंग में प्रदर्शनों, शिनजियांग में मानव अधिकारों और अन्य मामलो के साथ नहीं जोडती है।
बुधवार को बीजिंग ने कहा कि “वह कश्मीर में घटनाओं पर नजर बनाये हुए हैं और मूल हितो के मामले पर वह पाकिस्तान का समर्थन करेंगे।” इसी शाम को चीन ने भारत और पाकिस्तान से यूएन के आदेशो के मुताबिक कश्मीर मसले का समाधान करने के लिए वार्ता करने का आग्रह किया था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि “जिनपिंग ने कहा कि वह कश्मीर को देख रहे हैं लेकिन क्यों पीएम मोदी ने नहीं कहा कि हम हांगकांग में लोकतान्त्रिक समर्थन प्रदर्शनों को देख रहे हैं, हम शिनजियांग में मानव अधिकारों के उल्लंघन को देख रहे हैं, हम तिब्बत में निरंतर आक्रमकता को देख रहे हैं, हम दक्षिणी चीनी सागर पर नजरे गढ़ाए हुए हैं।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन को प्रतिक्रिया दी कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और इसमें किसी अन्य किसी देश की दखलंदाजी को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
Xi Jingping says he is watching Kashmir but why does @PMOIndia/MEA not say 1)We are watching Pro Democracy protests muzzled in Hong Kong. 2 )We are watching human rights violations in Xinjiang. 3 )We are watching continued oppression in Tibet 4 )We are watching South China Sea
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 10, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री से मुलाकात के सन्दर्भ इ रिपोर्ट्स को देखा है जिसमे उन्होंने कश्मीर पर भी चर्चा की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न भाग है। चीन अच्छी तरह से हमारी स्थिति से वाकिफ है दुसरे देशो को भारत के आंतरिक मामले में दखल देने को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”