जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने पर नरम होते हुए चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की मांग की है। उन्होंने वार्ता के जरिये आगे बढ़ने का आग्रह किया है। चीन ने बीजिंग और नई दिल्ली के संबंधों पर भी जोर दिया है और कहा कि दोनो पक्षो ने विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर प्रगति की है और मतभेदों को बेहतरीन तरीको से संभाला है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआँग ने कहा कि भारत और चीन एक दूसरे के लिए महत्वपूर्ण पड़ोसी है। दोनो बड़े विकासशील देश है और साथ ही उभरते हुए बाजार है। बीते वर्ष वुहान में अनौपचारिक बैठक के बाद दोनों देशों के सम्बंधो में काफी प्रगति दिखाई दी है। दोनो पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को निरंतर बढ़ाएंगे और संवेदनशील व मतभेदों के मामलों को बेहतर तरीके से संभालेंगे।
उन्होने कहा कि कश्मीर पर चीन की स्थिति स्पष्ट है।हम भारत और पाकिस्तान से कश्मीर के विवादित मामले पर आगे बढ़ने की मांग करते हैं। साथ ही परस्पर विश्वास में विस्तार और सम्बंधो में सुधार का आग्रह करते हैं। यह दोनो मुल्कों के लिए हितकारी है और क्षेत्रीय देशो व अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोनो देशो की उम्मीदों को दर्शाता है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की अनौपचारिक दौरे पर आयेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षिय मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बीजिंग की यात्रा की थी और चीनी राष्ट्रपति के साथ भारत के समक्ष कश्मीर मामले को उठाने का आग्रह किया था।
भारत ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था और देश को दो केंद्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया था। पाकिस्तान ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया था और वैश्विक समुदाय से भारत के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था। हालांकि भारत अपनी स्थिति पर अडिग रहा था।